‘घर आने पर चापड़ा चटनी खिलाएंगे’… जवान की मां ने दिया दिल छूने लेने वाला जवाब, मुख्यमंत्री साय

रायपुर। आपकी बेटी यहां बहुत अच्छे से कार्यरत है और देश की सेवा में जुटी हुई है। हाल ही में मैं आपकी बेटी से मिला हूं… मैं जब भी नारायणपुर आऊंगा, तब आप सभी से अवश्य मिलूंगा। जवानों और किसानों के योगदान से ही धान का कटोरा सुरक्षित और समृद्ध बना हुआ है। जवान और किसान हमारे देश के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, और "जय जवान-जय किसान" का संदेश हम सभी के दिलों में गहराई से बसा हुआ है। एक ओर जहां जवान देश की रक्षा में तत्पर हैं, वहीं दूसरी ओर किसान हमारे भोजन की आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल्ली जाने से पहले यह संवाद बस्तर जिले के सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन की जवान प्रमिका दुग्गा की मां के साथ किया। इस बातचीत के दौरान ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे कोई करीबी व्यक्ति घर से दूर उनकी बेटी के बारे में जानकारी दे रहा हो।

मुख्यमंत्री ने जवानों के परिजनों से की बात

मुख्यमंत्री ने बस्तर जिले के सेडवा में स्थित सीआरपीएफ की बस्तरिया बटालियन में रात्रि विश्राम के बाद बुधवार सुबह लौटते समय जवान प्रमिका दुग्गा से उसकी कुशलता के बारे में जानकारी ली। इस बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रमिका के परिजनों से संवाद करने की इच्छा व्यक्त की, जिसके बाद प्रमिका ने अपने मोबाइल से अपनी मां मोतीबाई को फोन किया और मुख्यमंत्री से उनका परिचय कराया।

'चापड़ा चटनी' खाने की बात हुई 

मुख्यमंत्री ने फोन पर प्रमिका की मां से बातचीत करते हुए उनके परिवार के सभी सदस्यों की कुशलता और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इस दौरान, जब मुख्यमंत्री ने मोतीबाई से उनके घर आने पर चापड़ा चटनी खाने की बात की, तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री को चापड़ा चटनी जरूर खिलाएंगी। अंत में, मुख्यमंत्री ने प्रमिका की मां को प्रणाम करते हुए बातचीत समाप्त की।

इस प्रकार की बातचीत से न केवल जवानों के परिवारों को समर्थन मिलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार उनके प्रति कितनी संवेदनशील है। यह पहल जवानों और उनके परिवारों के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करने में सहायक सिद्ध होती है।

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