रेलगाड़ियों के पहिए थम गए, विमान समय पर उड़ान नहीं भर सके, स्कूलों की छुट्टियां लंबी हो गईं और लोग घरों में कैद हो गए। ये हालात उत्तर भारत को घेरे कड़कड़ाती ठंड की वजह से बने हैं।
दिसंबर के अंत से ही दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य जाड़े की जकड़ में थे। अब भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने तेज ठंड की वजह का भी खुलासा किया है।
उत्तर पश्चिम में दिल्ली के साथ-साथ कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान घटकर 4 डिग्री सेल्सियस के नीचे चला गया था। वहीं, कोहरे के चलते हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों ने जीरो विजिबिलिटी का भी सामना किया।
IMD इसकी तीन वजहें बता रहा है। इनमें उत्तर पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी, अल नीनो की स्थिति और जेट स्ट्रीम शामिल हैं।
विस्तार से समझें
एक बार दिसंबर और एक बार जनवरी में यानी दो बार देश ने पश्चिमी विक्षोभों का सामना किया। हालांकि, कहा जा रहा है कि इनका असर गुजरात, उत्तरी महाराष्ट्र, पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश तक ही सीमित रहा। साथ ही हिमालयी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश ने सर्दी में और इजाफा किया। यहां बारिश और बर्फबारी में भारी कमी देखी गई, जिसके चलते शीतलहर और तेज प्रहार करने लगी।
आमतौर पर उत्तर पश्चिम भारत में दिसंबर और जनवरी में पांच से सात पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, जो तेज ठंड से राहत दिलाते हैं। इस बार की ठंड में ऐसा देखने को नहीं मिला।
कम पश्चिमी विक्षोभों की एक वजह अल नीनो की स्थिति को भी माना जा सकता है। अब इसके चलते उत्तर पश्चिम भारत में शीतलहर दिवस में भी कमी देखी गई है।
250 किमी से 320 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली जेट स्ट्रीम विंड्स ने भी उत्तर भारत की ठंड में इजाफा किया है।
इसके चलते यहां कोल्ड वेव की अवधि भी बढ़ गई है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि जेट स्ट्रीम अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकती है।