अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच शुक्रवार को मुंबई निवासी प्रकाश नलावडे ने कहा कि आज भी उस किस्से को याद करने पर उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
नलावडे ने ही वर्ष 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा के लिए का निर्माण किया था।
मुंबई के चेंबूर में रहने वाले नलावडे का साज-सज्जा का व्यवसाय था और वह केवल दस दिनों में एक मिनी ट्रक को रथ में बदलने में कामयाब रहे थे।
रथ को लगभग 10 हजार किलोमीटर की यात्रा करनी थी और रास्ते में खराब मौसम का भी सामना करना था।
आडवाणी ने 12 सितंबर 1990 को यात्रा की घोषणा की और यह 25 सितंबर को गुजरात के सोमनाथ से शुरू हुई थी।
नलावडे (66) ने कहा, यात्रा से कुछ दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रमोद महाजन ने मुझसे संपर्क किया। कला निर्देशक शांति देव ने रथ डिजाइन किया और मुझे इसे बनाने को कहा।
हमने रथ बनाने के लिए एल्यूमीनियम और अन्य कठोर धातुओं का उपयोग किया ताकि यह गंभीर से गंभीर जलवायु परिस्थितियों का सामना कर सके।
नलावडे ने कहा कि इसमें एक वातानुकूलित केबिन और बिजली बैकअप था। उन्होंने कहा, मुझे रथ बनाने का गौरव प्राप्त हुआ।
जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का समय नजदीक आ रहा है मुझे ऐसा लगता है कि भगवान राम ने हमें रथ बनाने के लिए चुना था।
जब हमने रथ बनाया तो हमें ऐसा लगा कि हम इसे आडवाणी जी के लिए नहीं बल्कि भगवान राम के लिए बना रहे हैं।नलावडे ने कहा,जब भी मैं इसके बारे में सोचता हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं।