ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी त्योहार का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है. इस महीने में गंगा दशहरा भी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं. साथ ही उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है. हिंदू सनातन धर्म में इस तिथि को बेहद शुभ माना जाता है.
इस दिन लोग विधि विधान से गंगाजी की पूजा अर्चना करते हैं. साथ ही दान-पुण्य भी करते हैं. बड़ी संख्या में लोग गंगा आदि पवित्र नदियों में डुबकी भी लगाते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है. ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज पाठक ने Local 18 को बताया कि शास्त्रों में गंगा को मोक्षदायिनी कहा गया है. गंगाजी भगवान शंकर की जटाओं से निकली हैं, इसलिए इस दिन शिवजी की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं.
गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त
16 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना बेहद शुभ माना गया है. गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:10 बजे से प्रारंभ होगा, जो 10:35 बजे तक रहेगा. इस समय आप गंगा स्नान कर सकते हैं.
गंगा दशहरा की पूजा विधि
गंगा दशहरा पर पूजन करने के लिए सबसे पहले आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें. साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके बाद गंगा मैया के साथ भगवान शिव की भी पूजा करें. पूजा करने के दौरान गंगा स्तोत्र का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को दान कर सकते हैं.
इन पापों का होगा अंत
माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के 10 पाप नष्ट हो जाते हैं. इनमें निषिद्ध हिंसा, परस्त्री गमन, बिना दी हुई वस्तु को लेना, कठोर वाणी, दूसरे के धन को लेने का विचार, दूसरों का बुरा करना, व्यर्थ की बातों में दुराग्रह, झूठ बोलना, चुगली करना, दूसरों का अहित करना शामिल है.