भारत में गरीबी की एक बड़ी वजह बीमारियों पर होने वाला खर्च है। यहां मिडल क्लास फैमिली तक के बारे में कहा जाता है कि वे गरीब होने से बस एक बीमारी दूर हैं। इस जोखिम को कम करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
हालांकि, आज भी जागरूकता के अभाव में लोग मेडिक्लेम या हेल्थ इंश्योरेंस को पैसे की बर्बादी मानते हैं। लेकिन, किसी बड़ी बीमारी या दुर्घटना के वक्त आपको इस अहमियत पता चलती है। आइए जानते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस लेना क्यों जरूरी है, इसे लेने के क्या फायदे हैं और बीमा कराते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी क्यों?
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग का डेटा बताता है कि 80 फीसदी मेडिकल इमरजेंसी में पैसों की दिक्कत के चलते मरीज की हालत बिगड़ जाती है। अस्पताल से छुट्टी के बाद भी दवाओं पर खर्च जारी रहता है। कई बार इलाज में भारी खर्च के चलते लोग गहने, जमीन और घर तक बेचने को मजबूर हो जाते हैं। कर्ज के जाल में भी फंस जाते हैं, जो ताउम्र उनका पीछा नहीं छोड़ता। हेल्थ इंश्योरेंस आपको इन सभी परेशानियों से बचा सकता है।
हेल्थ इंश्योरेंस के फायदे
हेल्थ इंश्योरेंस का सबसे बड़ा फायदा है कि आप बिना किसी आर्थिक तनाव के अपना बेहतर तरीके से इलाज कर सकते हैं। आपको अपनी बचत और घरेलू खर्चों से कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा। न ही आपको किसी के आगे हाथ फैलाना पड़ेगा। गहने या फिर जमीन-जायदाद बेचने की नौबत भी नहीं आएगी। इंश्योरेंस में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, सर्जरी, दवाएं, डॉक्टर की फीस जैसी चीजें कवर होती हैं। कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है। टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है।
हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले किन बातों का रखें ध्यान?
हेल्थ इंश्योरेंस में आपको कवरेज रकम का सबसे अधिक ध्यान रखना चाहिए।
इंश्योरेंस प्रीमियम की दर और भुगतान की शर्तों को सावधानी से पढ़ना चाहिए।
कवर की जाने वाली चीजों का ध्यान रखें, जैसे कि सर्जरी, दवाएं, अस्पताल की फीस।
नेटवर्क अस्पतालों की सूची भी देखें, जहां आप कैशलेस इलाज करा सकते हैं।
आपको पहले से कोई बीमारी है, तो पॉलिसी में इसके लिए कवरेज का ध्यान रखें।
वेटिंग पीरियड का ध्यान रखें, जिसमें कुछ बीमारियों के लिए कवरेज नहीं मिलता है।
अपनी पॉलिसी की समीक्षा करते रहें और जरूरत के हिसाब से बदलाव भी करें।