बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक शीर्ष सलाहकार ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत गईं शेख हसीना के वहां रहने से द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और ढाका हमेशा नई दिल्ली के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करेगा।
एक हफ्ते से ज्यादा समय से बांग्लादेश हिंसा के दौर से गुजर रहा है। अब तक 450 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
समाचार एजेंसी ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश’ की खबर के अनुसार, अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने यह टिप्पणी उस समय की जब उनसे पूछा गया कि क्या हसीना के भारत में लंबे समय तक रहने से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होंगे।
हुसैन ने कहा, ‘यह एक काल्पनिक प्रश्न है। अगर कोई व्यक्ति किसी देश में रहता है तो उस देश के साथ रिश्ते क्यों प्रभावित होंगे? इसका कोई कारण नहीं है।’
नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध के बाद 76 वर्षीय हसीना ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली गई थीं।
हुसैन ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध पारस्परिक हितों पर आधारित होते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों – बांग्लादेश और भारत – के हित हैं और वे उन हितों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
हुसैन ने कहा कि वह भारत के साथ ‘हमेशा अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करेंगे।’ इससे पहले, उन्होंने बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा सहित ढाका में तैनात राजनयिकों को बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी और उनका समर्थन मांगा।
हुसैन ने राजनयिकों से कहा, ‘हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हमारे सभी मित्र और साझेदार अंतरिम सरकार और हमारे लोगों के साथ खड़े रहेंगे, क्योंकि हम बांग्लादेश के लिए एक नया भविष्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’
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