रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को दो साल से ज्यादा का वक्त हो गया है और लाखों की मौत और अरबों की संपदा खाक होने के बाद भी जंग का हल अभी तक नहीं निकल पाया है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे महायुद्ध में दुनिया भी दो खेमों में बंटी हुई है। अमेरिका और पश्चिमी देश यूक्रेन के साथ खड़े हैं जबकि, रूस को चीन का साथ है।
युद्ध के बीच पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति बन चुके व्लादिमीर पुतिन का चीन संग इतना लगाव है कि पहली विदेश यात्रा में उन्होंने चीन जाना चुना है।
वो आगामी 16 या 17 अप्रैल को चीन में रहेंगे। यात्रा से पहले चीनी अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने जिनपिंग सरकार की जमकर तारीफ की।
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन संकट पर चीन की पीस पॉलिसी काबिले-तारीफ है और हमे उस पर अमल जरूर करना चाहिए। हालांकि चीन की पीस पॉलिसी पर यूक्रेन समेत उसके समर्थक देश इत्तेफाक नही रखते।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा कि वह यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए चीन की योजना का समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि बीजिंग को इस बात की पूरी समझ है कि संकट के पीछे क्या छिपा है? पुतिन ने इस सप्ताह अपनी बीजिंग यात्रा से पहले चीन की शिन्हुआ समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि रूस दो साल से अधिक पुराने संघर्ष को हल करने के लिए बातचीत के लिए राजी है और चीन की पीस पॉलिसी उसे सही लगती है।
यूक्रेन संकट को चीन ने सही ढंग से समझा हैः पुतिन
पुतिन ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा पिछले महीने सार्वजनिक की गई चीन की योजना और “सिद्धांतों” में संघर्ष के पीछे के कारकों को ध्यान में रखा गया है।
पुतिन ने कहा, “यूक्रेन संकट को हल करने के लिए चीन के दृष्टिकोण पर हम सकारात्मक हैं। बीजिंग ने वास्तव में इसके मूल कारणों और इसके वैश्विक भू-राजनीतिक अर्थ को समझा है।
चीन की पीस पॉलिसी क्या है?
चीन ने तकरीबन एक साल पहले 12 सूत्री मांगों के साथ मेगा प्लान तैयार किया था। जिसमें दावा किया गया है इस योजना के साथ रूस और यूक्रेन के बीच संकट को टाला जा सकता है या पूरी तरह से जंग खत्म की जा सकती है।
चीन की पीस प्लान थ्योरी का लब्बो-लुआब यही है कि वह इस मसले को रूस और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं के बीच शांतिपूर्ण वार्ता को ही युद्ध रोकने का हल बताता है।
चीन की पीस पॉलिसी के बारे में ज्यादा जानकारी तो उपलब्ध नहीं हो पाई और न ही पुतिन ने अपने इंटरव्यू में इस बारे में ज्यादा कुछ कहा लेकिन, चीन की इस योजना में कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनसे अमेरिका, यूक्रेन और पश्चिम इत्तेफाक नहीं रखते।
चीन ने अपने पीस प्लान में अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा अकेले एक राष्ट्र पर प्रतिबंधों की निंदा की। रूस का जिक्र करते हुए चीन ने इसे पूरी तरह से गलत करार दिया है। साथ ही अमेरिका और पश्चिमी देशों का रूस और यूक्रेन युद्ध में दखल को भी गलत करार दिया है।
मामले के जानकार मानते हैं कि चीन ने अपनी योजना के जरिए अमेरिका और पश्चिमी देशों पर निशाना साधा है। 12 सूत्री योजना में चीन ने कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया है कि रूस को यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुला लेनी चाहिए। यह भी एक अपवाद है।