अमेरिका और इटली, स्पेन, हंगरी जैसे यूरोपीय देशों ने यूक्रेन की राजधानी कीव में अपने दूतावासों को बंद कर दिया है।
अमेरिका का कहना है कि रूस की ओर से कीव में भीषण हमला हो सकता है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से दूतावास को बंद किया गया है।
अमेरिका के फैसले के बाद उसके अन्य नाटो सहयोगियों ने भी ऐसा ही फैसला लिया है। इस बीच यूक्रेन ने अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों के इस फैसले पर भड़ास निकाली है।
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘हम आपको याद दिला दें कि हम बीते 1000 दिनों से हर रोज हमलावर की तरफ से भीषण अटैक का खतरा और डर झेल रहे हैं।
लेकिन आप एक दिन में ही हमले की एक फर्जी खबर के आधार पर दूतावास ही बंद करके निकल रहे हैं।’
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका समेत सभी सहयोगी देशों को लताड़ते हुए कहा कि यह तो रूस की एक चाल है। वह मनोवैज्ञानिक और इन्फॉर्मेशन वॉर लड़ रहा है।
उसने सोशल मीडिया पर ऐसा एक संदेश प्रसारित किया कि कीव पर भीषण हमला किया जाएगा और उसका यह असर दिखा है।
इससे उसे आतंकित करने में ही मदद मिलेगी। दरअसल मॉस्को की ओर से पिछले दिनों कहा था कि हम यूक्रेन के उन हमलों का बदला लेंगे, जिन्हें अमेरिकी मिसाइलों की मदद से किया गया है।
रूस का कहना है कि यूक्रेन की यह गलती थी कि उसने हमारे इलाके में घुसकर हमला किया। अब भीषण हमला किया जाएगा।
रूस की इस चेतावनी के बाद से ही अमेरिका और अन्य कई देश अलर्ट मोड पर हैं। इन देशों ने अपने दूतावास ही बंद कर दिए हैं।
हालांकि यूक्रेन को इस बीच अप्रत्याशित तौर पर इजरायल से समर्थन मिला है। इजरायल का कहना है कि हम कीव में पहले की तरह ही काम जारी रखेंगे।
वहीं अमेरिका की देखा-देखी सभी नाटो देशों ने अपने दूतावास बंद कर दिए।
इस पर भड़के यूक्रेन का कहना है कि यही तो रूस का मनोवैज्ञानिक युद्ध है, जिसमें हमारे सहयोगी देश फंस रहे हैं। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘आतंकवादी देश एक बड़ा सूचना और मनोवैज्ञानिक हमला यूक्रेन पर कर रहा है।’
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