भोपाल : जीवन का आधार जल है, इसके लिए बिना जीवन संभव नहीं है। जल स्त्रोत नदी, तालाब, कुएं, बावड़ी, जलाशय यह सभी हमारी धरोहर हैं और हमें इनको सहेजना है। जल स्त्रोतों के संरक्षण और संवर्धन का मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जो संकल्प लिया है, यह पूरे प्रदेश का संकल्प है। यह विचार जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने रायसेन जिले के ग्राम अमरावद में जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रमदान तथा पौधरोपण कार्यक्रम में व्यक्त किए।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि जल स्त्रोतों के संरक्षण, संवर्धन के लिये विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून से शुरू हुआ यह जल गंगा संवर्धन अभियान गंगा दशहरा 16 जून तक चलेगा। सभी भाई-बहन जल स्त्रोतों के संरक्षण और संवर्धन में योगदान दें। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान वर्तमान समय में बेहद जरूरी है। यह अभियान जल स्त्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही पर्यावरण के लिए भी लाभदायी है। इसमें नदी, तालाब, कुएं, बावड़ी आदि जल संरचनाओं की सफाई कर, जीर्णोद्धार कर उपयोगी बनाया जा रहा है। जल संरचनाओं के तल में जो गाद जमा हो गई है, उसे निकालकर गहरीकरण भी किया जा रहा है। जिससे कि बारिश का अधिक जल इन सरंचनाओं में संग्रहित हो।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि बारिश के अधिक से अधिक जल को संग्रहित किया जाए, इससे भू-जल स्तर में वृद्धि होगी। हम इतना पानी का संचय कर लें कि हर गांव, हर शहर पानी के लिए अत्मनिर्भर हो जाए। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने स्तर पर भी जल संग्रहण के लिए छोटे छोटे प्रयास कर सकते हैं। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि पर्याप्त मात्रा में सिंचाई होने से फसल उत्पादन में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003-04 के पहले प्रदेश में लगभग सात लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित था और आज लगभग 47 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है। मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा वर्ष 2025 तक प्रदेश में सिंचाई का रकबा 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य लेकर काम किया जा रहा है। जल संसाधन मंत्री सिलावट ने केन-बेतवा लिंक परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस परियोजना से बुंदेलखण्ड की नई तस्वीर देखने को मिलेगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना से लगभग आठ लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। लगभग 43 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा और 103 मेगावाट बिजली बनेगी।
सांची विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि यह रायसेन जिले का सौभाग्य है कि जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा औबेदुल्लागंज के समीप बेतवा नदी के उद्गम स्थल झिरी से किया गया है। अमरावद में भी कुछ समय पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा श्रमदान किया गया था और आज जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है। जल गंगा संरक्षण अभियान, महत्वपूर्ण अभियान है और इसमें सभी नागरिकों की सहभागिता जरूरी है।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों तथा नागरिकों को शपथ दिलाई कि जलाशय को अनमोल सम्पदा मानकर इसके संरक्षण, संवर्धन का प्रयास करूगां। जलाशय में किसी प्रकार का कचरा नहीं करेंगे। जलाशय के जल को साफ बनाए रखने के लिये पॉथीलिन का उपयोग नहीं करेंगे तथा जल संवर्धन के लिये वृक्षारोपण करेंगे। जलाशय को जीवंत मानकर उसकी स्वच्छता एवं संरक्षण का पूर्ण रूप से ध्यान रखूंगा।
डेम पिचिंग कार्य के लिए किया श्रमदान
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम अमरावद में आयोजित कार्यक्रम उपरांत जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांची विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत मीणा, कलेक्टर अरविंद दुबे सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों द्वारा अमरावद डेम की पिचिंग कार्य के लिये श्रमदान एवं पौधारोपण किया। जल संसाधन मंत्री सिलावट ने जल स्त्रोतों के संरक्षण की शपथ दिलाई।