मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की चौथी किस्त को लेकर नया अपडेट सामने आया है। सीएम हेमंत सोरेन ने इसको लेकर गुड न्यूज ने दी है।
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की चौथी किस्त छठ के मौके पर जारी होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे महिलाओं के सशक्तीकरण से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी सरकार ने 51 लाख बहनों के खातों में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की तीसरी किस्त जमा की है।
अब छठ पूजा के पावन अवसर पर चौथी किस्त भी राज्य की महिलाओं तक पहुंचेगी। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि हमारी बहनों के सशक्तीकरण की दृढ़ प्रतिज्ञा है। झारखंडवासी की उन्नति उनकी सरकार का लक्ष्य है। हमने शुरुआत की है, पर यह केवल आरंभ है।
हेमंत ने एक्स पर क्या लिखा?
एक्स पर पोस्ट में उन्होंने लिखा – जेल से लौट पिछले तीन माह में उनकी सरकार ने काफी तेजी से कार्य किया है और आगे हम इस गति को और तेज करेंगे। मिलकर झारखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करेंगे। यह उनका संकल्प और वादा है।
उन्होंने आगे लिखा कि शक्तिरूपा के रूप में हमारी महिला जनप्रतिनिधियों ने मंईयां सम्मान योजना की मंगलवार को तीसरी किस्त जारी की।
नवरात्रि पर जारी हुई मंईयां सम्मान योजना की तीसरी किस्त
झारखंड की लाखों मंईयां की स्वाभिमान की योजना-मंईयां सम्मान योजना में पहली किस्त रक्षाबंधन, दूसरी किस्त करम पर्व, तीसरी किस्त नवरात्रि व दुर्गा पूजा और अब चौथी किश्त छठ पूजा से पहले सभी बहनों के खातों में होगी।
आधी आबादी को सम्मान देने को लेकर हेमंत सरकार शुरू की मंईयां सम्मान योजना : विधायक
बुधवार को बंदगांव प्रखंड अंतर्गत नकटी पंचायत के कंकुवा गांव में हेमंत सरकार द्वारा चलाई जा रही मंईयां सम्मान योजना के तहत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से विधायक सुखराम उरांव मौजूद थे।
बैठक में मंईयां सम्मान योजना की समीक्षा करते हुए योजना का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं को दिलाने के लिए कार्यकर्ताओं को कहा गया। बताया गया कि कार्यकर्ता गांव-गांव में बैठक कर मंईयां सम्मान योजना से वंचित महिलाओं को चिन्हित कर एक सूची बनाएं।
इस दौरान उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए विधायक सुखराम उरांव ने कहा कि आधी आबादी को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए हेमंत सरकार मंईयां सम्मान योजना चल रही है।
इसके अलावा, गरीबों के ऊपर आर्थिक बोझ ना पड़े इसके लिए सरकार बकाया बिजली बिल माफ कर दिया है। उसके बावजूद भी दोनों योजनाओं से लोग वंचित हैं।