भोपाल। यूनियन कार्बाइड कारखाना (यूका फैक्ट्री) के गोदाम में रखे 337 मैट्रिक टन जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाया जाएगा। इसकी तैयारी भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग, सेंट्रल पाल्युशन बोर्ड और पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने कर ली है। वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कचरे को यूका फैक्ट्री से इंसीरेनेटर तक पहुंचाने और निपटान के लिए 126 करोड़ रुपए का फंड ट्रांसफर कर दिया है।
भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास विभाग के अफसरों ने बताया कि कार्बाइड कारखाना के गोदाम में रखे जहरीले कचरे के निपटान का ट्रायल करीब 9 साल पहले पीथमपुर स्थित इंसीरेनेटर में हो चुका है। कचरा निपटान की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यूका के जहरीले कचरे के निपटान के निर्देश दिए थे। साथ ही कचरे की पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टेशन के लिए मप्र सरकार को जरूरी सुरक्षा इंतजाम किए जाने को कहा है।
सीपीसीबी करेगा निगरानी
यूनियल कार्बाइड कारखाना के जहरीले कचरे को पीथमपुर में सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की निगरानी में जलाया जाएगा। इतना ही नहीं कचरा निपटान के दौरान पीथमपुर के पर्यावरण पर हुए असर की मॉनीटरिंग भी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करेगा। इसकी रिपोर्ट पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भेजी जाएगी।
185 से 377 दिन लगेंगे
रासायनिक कचरे को समाप्त करने के लिए जुलाई 2023 में निरीक्षण समिति ने निर्णय लिया था। इसके निपटान में 185 से 377 दिन लगेंगे, जिसके लिए 126 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।