कर्मवीर योजना के नाम पर बेरोजगारों से ठगी, पीड़ितों ने गृहमंत्री से लगाई मदद की गुहार

रायपुर: बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी का मामला सामने आया है। पहले फर्जी कंपनी बनाकर सिक्योरिटी मनी लेकर बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी पर लगाया गया। इसके बाद गांव-गांव जाकर महिलाओं का समूह बनाया गया। समूह के जरिए महिलाओं से बचत योजना के नाम पर लाखों रुपए जमा कराए गए। रकम लौटाने से पहले ही दफ्तर बंद कर फरार हो गए। इसकी शिकायत पर पुलिस ने कंपनी संचालकों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

नौकरी के बदले ली मोटी रकम

पुलिस के मुताबिक पुरानी बस्ती इलाके में भैया तालाब के किनारे सुभाष नगर में सत्यकाम फाउंडेशन का दफ्तर खोला गया था। दफ्तर में अलग-अलग जिलों के बेरोजगार युवक-युवतियों को कर्मवीर भर्ती योजना के नाम पर नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया गया। नौकरी के एवज में किसी से 20 हजार तो किसी से 30 हजार रुपए सिक्योरिटी मनी के नाम पर लिए गए। इसके बाद उन्हें ज्वाइनिंग लेटर भी दिए गए।

ये हैं कंपनी के डायरेक्टर

सत्यकाम फाउंडेशन मुख्य रूप से मधुबनी, बिहार का रहने वाला है। इसके डायरेक्टर बी कुमार, पीके निराला, आरएस पासवान, मोहम्मद मुकर्रम रजा, मोहम्मद रजा हैदर व अन्य हैं। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। बताया जाता है कि आरोपियों ने इसी तरह से और भी कंपनियां बना रखी हैं। इसके जरिए वे अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

गांव-गांव भेजकर जमा करवाया पैसा

संचालकों ने नौकरी ज्वाइन करने वाले युवक-युवतियों से एजेंट बनकर गांव-गांव जाकर महिला समूह बनाने को कहा। इसके बाद उस समूह की महिलाओं से बचत के लिए कंपनी के बैंक खाते में पैसा जमा करने को कहा। जमा की गई रकम पर 6 से 18 फीसदी सालाना ब्याज देने का दावा किया गया। इसके चलते कई महिला समूहों के जरिए महिलाओं ने बड़ी रकम जमा करवाई। कई महिला समूहों ने 5-5 लाख रुपए तक जमा करवाए हैं। इस तरह आरोपियों ने लाखों रुपए अपने बैंक खातों में जमा करवाए हैं।

ब्याज नहीं मिलने से दफ्तर बंद: बचत योजना के तहत पैसा जमा करने वाली महिला समूहों को समय पर ब्याज की राशि नहीं मिली। इसके बाद महिलाओं ने एजेंटों से पैसे की मांग की। इसके बाद जब एजेंट कंपनी के रायपुर स्थित मुख्य दफ्तर पहुंचे तो दफ्तर बंद मिला। करीब 5 महीने से कंपनी के डायरेक्टर दफ्तर बंद कर फरार हो गए थे। इसके बाद पीड़ित ममता राजवाड़े, बेगमति राजवाड़े, राजकुमार अग्रवाल, पद्मावती मानिकपुरी, गीतांजलि यदु, मनीषा सूर्यवंशी, हेमलता साहू आदि की शिकायत पर पुरानी बस्ती पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टरों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

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