भोपाल । प्रदेश में लगातार महिलाओं और बच्चियों से हो रहे दुष्कर्म के मामलों को लेकर कांग्रेस पार्टी विरोध दर्ज कर रही है इसी कड़ी में बेटी बचाओ अभियान के तहत कांग्रेसियों ने भोपाल सांसद आलोक शर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के दौरान पूर्व मंत्री पपीसी शर्मा ने सांसद आलोक शर्मा से पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की बात कराई। फोन पर हुई बातचीत के दौरान आलोक शर्मा ने कहा कि महिलाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस इस बात को देख कितने कांग्रेसी नेताओं ने महिलाओं बच्चियों और युवतियों पर गलत बयान दिए।
बलात्कार के 56 जघन्य अपराधों में नहीं दी गई फांसी
कांग्रेस नेताओं ने आलोक शर्मा को सौंपे ज्ञापन में प्रदेश में लगातार रेप की घटनाएं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षण किया। एमपी में बलात्कार के 56 जघन्य अपराधों में फांसी नहीं दी गई। अपराधियों को फांसी की सजा देनी चाहिए ताकि दुष्कर्मियों में दहशत फैले। देवी के पूजा का नाटक करने वाली सरकार देवी स्वरूप बच्ची महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा में नाकाम साबित हो रही है। कांग्रेस की मांग कम से कम इन्हें तो बचा लो। इस अवसर पर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा -प्रदेश में महिला अपराध लगातार बढ़ रहे है। प्रदेश में महिलाओं के साथ बच्चियों तक सुरक्षित नहीं है। सरकार को नींद से जगाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया है। मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में लगातार 1 साल से लेकर 10 साल और 70-75 साल तक की बुजुर्ग महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही हैं। छोटी-छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या होना आम बात हो गई है। महिला अत्याचार में प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर नंबर एक पर पहुंच गया है। इससे समस्त प्रदेश वासियों का सिर शर्म से झुक गया है।
पटवारी से सांसद ने कहा कांगेसी नेताओं के बयान की करें समीक्षा
पीसीसी चीफ से फोन पर बात करते हुए सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि आप लोग अभी ज्ञापन देने आए हैं, मैं ज्ञापन ले रहा हूं। ज्ञापन के सभी पॉइंट्स पढ़ूंगा और उचित फोरम पर रखूंगा। लेकिन, एक निवेदन करना चाहता हूं कि आप लोग महिलाओं, बहनों बेटियों के संवेदनशील मुद्दे पर ज्ञापन देने आए हैं, इसलिए आप इस बात की भी समीक्षा करें कि हमारी कांग्रेस पार्टी में कब कौन से नेताओं ने किस तरह के स्टेटमेंट दिए हैं। सांसद ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि इस प्रकार के स्टेटमेंट से बचना चाहिए, क्योंकि मां, बहन, बिटिया समाज का संवेदनशील मुद्दा होता है। कोई भी राजनीतिक दल हो, सबको बहन – बेटियों के मामले में बचना चाहिए। एक पत्र आपको भी जिला अध्यक्ष जी के साथ भिजवा रहा हूं।