ताज होटल के पास मिलीं एक जैसी नंबर प्लेट वाली दो कारें, ड्राइवर से पूछताछ जारी

मुंबई के विश्व प्रसिद्ध ताज होटल के बाहर सोमवार को एक ही नंबर की दो कार खड़ी मिलीं। सफेद रंग की दोनों कार पर पीले रंग की नंबर प्लेट लगी थी। दोनों गाड़ियों पर एमएच 01 ईई 2388 नंबर दिखा। 26/11 के आतंकी हमले के दौरान ताज होटल को निशाना बनाया गया था इसलिए इस इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है। इसके बावजूद एक ही नंबर की दो कारें मिलने पर तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी गई।

आरोपी ने पुलिस को बताई पूरी कहानी
पुलिस ने दोनों कारों को कोलाबा पुलिस स्टेशन लाकर जब ड्राइवरों से पूछताछ की पता चला कि माजरा क्या है। दरअसल मुंबई के एक कैब ड्राइवर ने अपनी नंबर प्लेट में फर्जीवाड़ा करके कार लोन की किस्त से बचने के लिए फर्जी नंबर प्लेट लगा लिया था। आरोपित ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उसने कर्ज वसूली एजेंटों से बचने के लिए कार के नंबर के अंतिम अंक को 8 में बदल दिया था। आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है।

किस्त न चुकाने पर आरोपी ने किया ऐसा कांड
एसकी कार का रजिस्ट्रेशन नंबर एमएच 01 ईई 2383 है। पुलिस ने बताया कि कहा कि आरोपित ड्राइवर प्रसाद चंद्रकांत कदम ने कार खरीदने के लिए लोन लिया था, लेकिन किस्त नहीं चुका पा रहा था। उसे डर था कि जिस फाइनेंस कंपनी से उसने लोन लिया था वह कार को जब्त कर सकती है। इसलिए यह फर्जीवाड़ा किया।

शिकायतकर्ता ने क्या कहा?
अधिकारी ने कहा,"शिकायतकर्ता साकिर अली को एहसास हुआ कि उसकी कार को लगातार यातायात उल्लंघन ई-चालान मिल रहा था। अली को इस बात से आश्चर्य हुआ कि कार उन क्षेत्रों में कभी नहीं गई जहां चालान जारी किए गए थे। उन्हें टोल शुल्क की चोरी की भी सूचना मिली। अली शिकायत लेकर ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंचे, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।

आखिरकार सोमवार को आखिरकार संयोगवश वह कार मिल गई जिसका नंबर वही था जो उनके कार का नंबर है। सोमवार दिन में करीब 11.30 बजे, अली एक यात्री को ताज होटल में छोड़ रहे थे, तभी उनकी नजर उसी नंबर प्लेट वाली दूसरी कार पर पड़ी।

उसने बाहर निकलकर उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन ड्राइवर ने गाड़ी भगा दी। जब अली ने पुलिस को जानकारी तो उन्होंने कार रोकी और उसे कोलाबा पुलिस स्टेशन ले आए। अली की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया और कदम को गिरफ्तार कर लिया गया।

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