वॉशिंगटन। अमेरिका में इस साल पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। शुक्रवार को अमेरिका में पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट (बहस) हुई। मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आमने-सामने आए। इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध और हमास-इस्राइल जंग को लेकर एक दूसरे पर जमकर हमला किया। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अफगानिस्तान से अमेरिका का वापस लौटना शमर्नाक था। इसकी वजह से ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू करने का बढ़ावा मिला। उन्होंने आगे दावा किया कि अगर वह सत्ता में होते तो दोनों ही युद्ध नहीं होते। ट्रंप ने आगे कहा, 'वह अफगानिस्तान के साथ बहुत बुरे थे। यह बहुत शर्मनाक था। पुतिन ने देखा कि ताकत कमजोर हो गई है। जब पुतिन कहते हैं कि उन्होंने पहले ही कह दिया था कि उन्हें लगता है कि वह अंदर जाने वाले हैं।' उन्होंने कहा, 'पुतिन यूक्रेन पर कभी आक्रमण नहीं करते, कभी नहीं। ठीक वैसे ही हमास भी कभी इस्राइल पर आक्रमण नहीं करता, क्योंकि ईरान ने मुझसे नाता तोड़ लिया था। मैं किसी को भी ईरान के साथ व्यापार नहीं करने देता। इसलिए मेरे प्रशासन के दौरान आपको बिल्कुल भी आतंक का सामना नहीं करना पड़ा, पूरी दुनिया उनके (बाइडन) शासन में हिल गई है।' राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने यूक्रेन का समर्थन करने पर अपने रुख का बचाव किया। उन्होंने कहा कि रूस ने हजारों सैनिकों को खो दिया है और कीव पर कब्जा करने के अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुआ है। उन्होंने आगे कहा, 'इस शख्स (ट्रंप) ने पुतिन से कहा कि आप जो करना चाहें करें। पुतिन का कहना था कि वह पांच दिनों में कीव पर कब्जा कर लेंगे क्योंकि यह पुराने सोवियत संघ का हिस्सा था। मगर वह ऐसा नहीं कर सके, उन्होंने हजारों सैनिकों को खो दिया है।' रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध अपराधी करार देते हुए बाइडन ने चेतावनी दी कि अगर रूस यूक्रेन पर कब्जा कर लेता है तो इससे यूरोप में और संघर्ष हो सकता है। उन्होंने कहा कि पुतिन युद्ध अपराधी हैं। उन्होंने हजारों लोगों को मार डाला है। उन्होंने एक बात स्पष्ट कर दी है कि वह पूरे यूक्रेन में सोवियत साम्राज्य की स्थापना करना चाहता है। क्या आपको लगता है, वह इतने पर ही रुक जाएंगे। अगर वह यूक्रेन पर कब्जा कर लेते हैं, तो आप सोच सकते हैं कि पोलैंड, बेलारूस, नाटो देशों के साथ क्या होगा।
ट्रंप का तर्क
इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि युद्ध समाप्त करने के लिए पुतिन की शर्तें (यूक्रेन का नाटो में शामिल न होना और रूस द्वारा अब तक कब्जा किए गए क्षेत्रों को अपने पास रखना) मानी जाएंगी, इस पर ट्रंप ने कहा कि ये उन्हें स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने अपने दावे को भी दोहराया कि वह पद संभालने से पहले ही रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को समाप्त कर देंगे। उन्होंने यूक्रेन को दिए जाने वाले अमेरिकी समर्थन पर भी चुटकी ली। जेलेंस्की को सेल्समैन यानी विक्रेता बताया। ट्रंप ने कहा, 'यह एक ऐसा युद्ध है जो कभी शुरू नहीं होना चाहिए था। उन्होंने (बाइडन) यूक्रेन को 200 अरब डॉलर या उससे अधिक की सहायता दी है। यह बहुत सारा पैसा है। जेलेंस्की जब भी देश में आते हैं, वह 60 अरब डॉलर लेकर चले जाते हैं, वह अब तक के सबसे बड़े सेल्समैन हैं।' उन्होंने कहा, 'ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था. मैं 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने से पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में पुतिन और जेलेंस्की के बीच इस युद्ध को सुलझाना चाहता हूं।' ट्रंप ने नाटो का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अन्य यूरोपीय देश भुगतान नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा, 'मैंने जो बड़ी चीज बदली है, वह यह है कि वे भुगतान नहीं करना चाहते हैं। मैंने उनसे 100 अरब डॉलर जमा करवाए। मैंने कहा कि अगर वे भुगतान नहीं करते हैं तो मैं उनकी रक्षा नहीं करूंगा।' उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप लाखों डॉलर का निवेश हुआ। गाजा में इस्राइल-हमास युद्ध का मुद्दा भी बहस में उठा। राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि संघर्ष विराम प्रस्ताव इस्राइल द्वारा स्वीकार कर लिया गया है और यह हमास है जो युद्ध जारी रखना चाहता है। हम अभी भी युद्ध विराम की शर्तों को स्वीकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि इस्राइल को गाजा में काम खत्म करने की अनुमति दी जानी चाहिए। वहीं बाइडन को कमजोर फलस्तीनी के रूप में मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि आपको उसे (इस्राइल) जाने देना चाहिए और काम खत्म करना चाहिए। वह (बाइडन) एक फलस्तीनी की तरह हो गए हैं, लेकिन वे उन्हें पसंद नहीं करते क्योंकि वह बहुत बुरे फलस्तीनी हैं, बहुत कमजोर हैं। पूर्व राष्ट्रपति ने सीधे जवाब नहीं दिया कि क्या वह गाजा में इस्राइल और हमास के बीच युद्ध को समाप्त करने के लिए एक स्वतंत्र फलस्तीनी राज्य का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें देखना होगा।