वाशिंगटन। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने शपथ ग्रहण से पहले ही नियुक्तियों को लेकर चर्चा में आ गए हैं। अहम प्रशासनिक पदों पर उन्होंने अपने करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों को नियुक्त किया है। इसी कड़ी में ट्रंप ने अपने दो समधियों को महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर नियुक्त कर दिया, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है। ट्रंप के इस कदम से न सिर्फ उनके करीबी रिश्तेदार बल्कि रिपब्लिकन पार्टी के बड़े नेता भी हैरान हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, नव निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने अरबपति मसाद बाउलोस को अरब और मध्य पूर्व मामलों के लिए अपना सलाहकार नियुक्त किया है। बाउलोस, ट्रंप की बेटी टिफनी के ससुर हैं, और उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मुस्लिम मतदाताओं के बीच ट्रंप का जमकर प्रचार किया था। यह अहम और पहली दफा देखने को मिला जबकि किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने इतने अहम पद पर अपने परिवार के सदस्य को नियुक्त कर दिया। इसी बीच, ट्रंप ने रियल एस्टेट कारोबारी चार्ल्स कुशनर को फ्रांस में अमेरिका का नया राजदूत नियुक्त किया है। कुशनर, ट्रंप की बेटी इवांका के ससुर हैं, और उनके बेटे जारेद कुशनर को भी ट्रंप ने पहले अपने सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया हुआ था। बताते चलें कि जारेद कुशनर पर साल 2005 में एक अपराध करने का आरोप लगा था, जिसके बाद ट्रंप ने उन्हें माफी दे दी थी। यहां ट्रंप ने बाउलोस का परिचय एक ऐसे व्यक्तित्व के तौर पर कराया है जो अंतरराष्ट्रीय मसलों में माहिर हैं और मध्यपूर्व में शांति की कोशिशों में सक्रिय रूप से भागीदार रहे हैं। उनका मानना है कि बाउलोस अमेरिका और उसके हितों के लिए महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेंगे। ट्रंप के इस फैसले के बाद लोगों ने कहना शुरु कर दिया हे कि इससे स्पष्ट होता है कि वह अपने परिवार के भरोसेमंद सदस्यों पर राजनीतिक फैसले लेने के लिए नियुक्तियों देते रहेंगे। हालांकि, इस फैसले का आलोचकों द्वारा भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव के आरोप भी लगाने शुरु कर दिए हैं। यहां बताते चलें कि ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में भी अपनी बेटी इवांका और उनके पति जारेद कुशनर को अपने दफ्तर में सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया था, जिस पर विवाद उठे थे।