कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन को फरवरी 2018 में पंजाब दौरे पर आए थे।
इस दौरान उनकी फ्लाइट को तब तक अमृतसर में उतरने की अनुमति नहीं दी गई थी, जब तक कि वे पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने के लिए राजी नहीं हो गए थे।
कनाडा के अखबार ग्लोब एंड मेल ने अपनी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है।
अखबार की यह रिपोर्ट भारत द्वारा आतंकवादी घोषित खालिस्तान समर्थक अलगाववादी और प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के सिलसिले में तीन पंजाबी युवकों की गिरफ्तारी के कुछ दिनों के भीतर आई है।
हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के आरोपों को लेकर कनाडा और भारत के बीच राजनयिक संबंध पहले से ही खराब चल रहे हैं।
अमरिंदर ने 21 फरवरी 2018 को अमृतसर में मुलाकात के दौरान ट्रूडो को केटीएफ के भारतीय मूल के सदस्यों, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्यों सहित ए-श्रेणी के कनाडा में मौजूद 9 आतंकवादी गुर्गों की एक लिस्ट सौंपी थी।
उन्होंने ट्रूडो को बताया था कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा कनाडाई धरती का दुरुपयोग किया जा रहा है।
अमरिंदर सिंह ने उन्हें यह भी बताया था कि कनाडाई सरकार एक या दो मामलों को छोड़कर निज्जर सहित उन नौ लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में विफल रही है।
ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है, “कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ चर्चा सुखद नहीं थी।
उन्होंने कहा कि कनाडाई सरकार के अधिकारियों ने भारत सरकार को आश्वासन दिया था कि वे सौंपी गई सूची को देखेंगे। आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं था, जब कनाडा को भारत सरकार के द्वारा ऐसे आतंकियों और अपराधियों की लिस्ट सौंपी गई थी।