बड़े पैमाने पर होंगे तबादले, रुके पड़े विकास कार्यों के थोक में जारी होंगे टेंडर,

मास्टर प्लान सहित अन्य बड़ी योजनाओं पर भी बढ़ेगी हलचल
आज तक रहेगी आचार संहिता, कल से मोहन सरकार एक्शन में

भोपाल। लोकसभा चुनाव की मतगणना का कार्य भी संपन्न हो गया, लेकिन आयोग ने 6 जून तक आचार संहिता घोषित कर रखी है। नतीजतन 7 जून से भोपाल सहित प्रदेशभर में हलचल शुरू होगी और मोहन सरकार भी एक्शन में नजर आएगी। विकास कार्यों के रुके पड़े टेंडर भी थोक में जारी होंगे तो भोपाल के मास्टर प्लान सहित बड़े प्रोजेक्टों पर भी आने वाले दिनों में निर्णय लिए जा सकेंगे, वहीं बड़े पैमाने पर तबादलों की भी सुगबुगाहट है। वैसे तो प्रदेश की सभी 29 सीटों पर भाजपा का परचम लहराया, जिसने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कद में और इजाफा कर दिया है। यहां तक कि छिंदवाड़ा की परम्परागंत कांग्रेसी सीट भी इस बार भाजपा ने छीन ली।
इस बार सात चरणों में चुनाव थे और 45 दिन से अधिक समय तक आचार संहिता लागू रही। 16 मार्च को चुनाव आयोग ने कार्यक्रम घोषित किया था और उसी दिन से देशभर में आचार संहिता लागू हो गई, जो कि 6 जून यानी कल तक के लिए लागू रहेगी। दरअसल  4 जून को मतगणना प्रक्रिया देर रात पूरी हुई, उसके बाद रिटर्निंग अधिकारी अपनी पूरी रिपोर्ट सीईओ को भेजेंगे, जहां से मुख्य चुनाव आयुक्त को यह रिपोर्ट जाएगी। तत्पश्चात कुल 6 जून को सुबह राष्ट्रपति को पूरी चुनावी रिपोर्ट मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा सौंपी जाएगी और इसके साथ ही लोकसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया संपन्न होगी। हालांकि जिस तरह का बहुमत सामने आया है, उसके चलते आचार संहिता भले ही 6 जून यानी कल समाप्त हो जाए, मगर राजनीतिक उठापटक और सरकार बनाने की कवायद अगले कुछ दिनों तक सुर्खियों में रहेगी। पूरे देश की निगाह अब दिल्ली पर टिकी हैं। हालांकि बहुमत तो एनडीए के पक्ष में है, मगर इंडिया गठबंधन भी सरकार बनाने के अपने प्रयासों से पीछे नहीं हटेगा। मप्र की बात की जाए तो सभी 29 सीटों पर भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में 28 सीटें जीती थीं, मगर इस बार छिंदवाड़ा सहित सभी 29 सीटों पर कब्जा जमा लिया। पूर्व मुख्यमत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 8 लाख से अधिक मतों से विराट जीत दर्ज की और उनके दिल्ली जाने और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने की चर्चा भी शुरू हो गई है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कद भी बढ़ गया है। चूंकि अब आने वाले पांच सालों तक कोई चुनाव नहीं होना है, इसलिए मुख्यमंत्री भी खुलकर बल्लेबाजी कर सकेंगे। हालांकि सिंहस्थ 2028 सहित कई महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत उन्होंने मतदान समाप्ति के बाद से शुरू भी करवा दी है और अब 7 जून से उनकी सरकार पूरी तरह से एक्शन में नजर आएगी। हालांकि अभी यह हफ्ता दिल्ली दरबार में होने वाली उठापटक में बीत जाएगा और आज सभी सांसदों के साथ मुख्यमंत्री भी दिल्ली पहुंच रहे हैं।

मेट्रो प्रोजेक्ट सहित सिंहस्थ 2028 की तैयारियां होंगी तेज
 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सिंहस्थ 2028 को लेकर गंभीर है और अभी से उन्होंने इसकी तैयारी शुरू करवा दी है। खासकर शिप्रा नदी को स्वच्छ रखना है, जिसके चलते कान्ह और सरस्वती से मिलने वाले गंदे पानी को भी नमामि गंगे अभियान के तहत रोका जाएगा। आज 5 जून से ही पूरे प्रदेशभर में इस अभियान की शुरुआत होना है। हालांकि चुनाव परिणामों और बनने वाली सरकार में सभी व्यस्त हैं, इसलिए अगले हफ्ते से ही हलचल बढ़ेगी, वहीं इन्दौर, भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को भी गति दी जाना है। भोपाल में इसी साल के अंत तक प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो चलाने का दावा भी किया जाता रहा है। निर्माणाधीन फ्लायओवरों के अलावा अन्य बडे प्रोजेक्टों, प्राधिकरण की योजनाओं और मास्टर प्लान सहित महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों के क्रियान्वयन की भी पहल होगी।

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