150 साल पुरोन मंगी ब्रिज पर फिर शुरु होगा यातायात, भारी वाहनों पर रहेगा बैन

नई दिल्ली। मंगी ब्रिज की दाहिनी आर्च तैयार हो गई है, जल्द इस पर से वाहन गुजारने की अनुमति मिल जाएगी। लालकिला के पीछे 150 साल पहले बने इस ब्रिज की दाहिनी आर्च में बड़े ट्रक गुजरने से इसको नुकसान पहुंचा था। ट्रक के ट्रॉला टकरा जाने से ब्रिज का यह हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। अब काम पूरा हो चुका है। इब आर्च में ऊंचे ट्रॉला वाले ट्रकों के गुजरने पर बैन रहेगा। इसके लिए ब्रिज से कुछ पहले ही हाइट बैरियर लगाए जाने का काम शुरू हो गया है जो जल्द ही पूरा हो जाएगा।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कहा है कि दिल्ली में ऐतिहासिक गेट और पुल बन रहे एएसआई के लिए चुनौती बन रहे हैं। मुख्य समस्या मंगी ब्रिज को लेकर है। इसके नीचे से यातायात गुजरने से ये क्षतिग्रस्त हो रहा है। जर्जर हालत में पहुंच चुके मंगी ब्रिज को बचाने की एएसआई कुछ न कुछ काम करता रहता है। फरवरी में इसकी दाहिनी आर्च के संरक्षण कार्य के लिए काम शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। ब्रिज के नीचे के भाग में मजबूत किए गए हैं। ब्रिज के नीचे की तरफ क्षतिग्रस्त भाग को तैयार करने में स्टील के अर्ध चंद्राकार गार्डर डाले गए हैं।
2010 में इसी ब्रिज के ढह चुके आधे हिस्से को बचाया गया था। यह ब्रिज लालकिला और सलीमगढ़ किले को जोड़ता है। इतिहास लालकिला के पीछे स्थित इस ब्रिज का निर्माण 150 साल पहले किया गया था। इसका प्रयोग लालकिला से सलीमगढ़ किले में जाने के लिए किया जाता था। वर्तमान में इस ऐतिहासिक ब्रिज के नीचे से रिंग रोड गुजरता है। पुराना हो जाने से इस ब्रिज के ऊपर से वाहनों का आवागमन बंद है।

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