पितरों की नाराजगी से बचना

पितरों के आशीर्वाद से जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। घर के बड़े-बुजुर्ग सिर्फ मान-सम्मान चाहते हैं, इनको कभी नहीं भूलना चाहिए। जैसे प्यार पर घर के छोटों का अधिकार होता है वैसे ही पूर्वज सम्मान के अधिकारी होते हैं। खुश होकर ये दिल से अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं लेकिन पितृ जब नाराज हो जाते हैं तो बसा हुआ संसार उजड़ जाता है। पितर उस स्थिति में नाराज होते हैं, जब घर के किसी मांगलिक कार्यक्रम में, किसी शुभ कार्य में उन्हें याद नहीं करते, उनकी अनदेखी करते हैं।
मान-प्रतिष्ठा का अभाव
पितरों की नाराजगी से व्यक्ति को मान-प्रतिष्ठा के अभाव का सामना करना पड़ सकता है। परिवार के सदस्यों को पग-पग पर समस्याओं से जूझना पड़ता है।
धन का अभाव
पितृदोष होने के कारण धन का अभाव रहता है। व्यक्ति को किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पाती। जमा धन बर्बाद हो जाता है। फिजूल खर्ची को वह रोक नहीं पाता है। साथ ही लाख कोशिश के बाद भी कर्ज कभी नहीं उतार पाता।
घर-परिवार में अशांति
पितरों के नाराज होने से घर-परिवार में किसी न किसी कारण झगड़ा होता है। परिवार के सदस्यों में मनमुटाव बना रहता है। घर में अशांति का वातावरण बना रहता है। घर के सदस्यों की शादी में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं।
संतान की ओर से कष्ट
पितृदोष के कारण संतान की ओर से कष्ट मिलता है। उनके यहां संतान होने में परेशानी आती है। संतान का स्वास्थ्य खराब रहने या संतान का बुरी संगति में फंसने से परेशानी झेलना होती है।
कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाना
पितृदोष जब होता है तो जाने-अनजाने ऐसी गलती कर बैठते हैं, जिसके कारण कोर्ट-कचहरी का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन की वजह से कोई समस्या हो सकती है, जिससे लंबे समय तक मामला उलझा रहता है।
गंभीर प्रकार का रोग होना
पितृदोष के कारण कई गंभीर व असाध्य रोग घर के सदस्यों को हो जाते हैं। पितर दोष का प्रभाव घर की स्त्रियों पर भी रहता है। इन्हें ऐसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जो जल्दी ठीक नहीं होती। ऐसी धार्मिक मान्यताएं हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *