मथुरा : भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में अनेकों लीला की. उन लीलाओं के प्रमाण आज भी आपको मिल जाएंगे. इन्हीं लीलाओं की साक्षी है शांतनु की तपस्थली. मान्यता है कि यहां बने कुंड में स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है. इसी मान्यता को लेकर यहां सैकड़ों लोग स्नान करने आते हैं.
शांतनु कुंड में स्नान करने से होती है संतान की प्राप्ति
शांतनु बिहारी मंदिर के महंत नरसिंह दास महाराज ने बताया कि विष्णु के पिता शांतनु ने कई हजार साल बैठकर यहां तप किया था. भगवान श्री कृष्ण ने उनके तप से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए थे. सतयुग और त्रेता युग में उन्होंने अपनी तपस्या पूरी की. श्री कृष्ण ने शांतनु को वरदान दिया था कि जो भी इस कुंड में स्नान करेगा, उसे संतान की प्राप्ति होगी. हजारों लोगों को संतान की प्राप्ति हो चुकी है. मंदिर के महंत नर सिंह दास महाराज ने बताया कि भरतपुर के राजा विश्वेंद्र ने भी इस कुंड में स्नान किया था. तो उन्हें भी संतान की प्राप्ति हुई थी. मंदिर का जीर्णोद्धार लगभग 10 वर्ष पहले कराया गया था. शांतनु की तपस्थली के चारों ओर तलाबनुमा एक खाई बनी हुई है. इसे शांतनु कुंड के नाम से जाना जाता है.राजा शांतनु बिहारी का गंगा से विवाह हुआ था.
कुंड में स्नान करने से हुई पुत्र की प्राप्ति
सतोहा निवासी भावना नाम की महिला ने बताया कि शांतनु कुंड की बहुत ही मान्यता है. यहां स्नान से नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है. भावना ने बताया कि मेरी शादी को 6 साल हो गए और 6 साल बाद मुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है. मंदिर के महंत के द्वारा मुझसे शांतनु कुंड में स्नान करने के लिए कहा गया था. मैंने अपने पति के साथ कुंड में स्नान किया और उसके 1 साल बाद मुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. यहां से कोई भी खाली नहीं जाता है. शांतनु बिहारी भगवान यहां आने वाले व्यक्ति की मनोकामना पूरी करते हैं.
भगवान सबकी मनोकामना पूरी करते हैं
वहीं स्थानीय निवासी उमेश शर्मा ने बताया कि मेरे साले की पत्नी को भी पुत्र प्राप्ति हुई है. उन्होंने कहा कि मेरी मामी पर भी शांतनु कुंड में स्नान करने के बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है. विश्वास होना चाहिए भगवान सबकी मनोकामना पूरी करते हैं.