भस्म आरती की नहीं होगी ऑनलाइन बुकिंग

भोपाल। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में साल के आखिरी सप्ताह में भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग को ब्लॉक कर दिया गया है। इन दिनों में भस्म आरती दर्शन करने की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के भस्म आरती बुकिंग काउंटर से ऑफलाइन अनुमति प्राप्त करना होगी। बता दें, मंदिर समिति द्वारा प्रतिदिन 400 भक्तों को भस्म आरती दर्शन की ऑनलाइन अनुमति दी जाती है। हालांकि कुछ महत्वपूर्ण अवसरों पर भीड़ नियंत्रण की दृष्टि से इस सुविधा को बंद रखा जाता है।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक आस्था का सैलाब उमड़ता है। इस बार भी नए साल में 10 लाख से अधिक भक्तों के भगवान महाकाल के दर्शन करने आने का अनुमान है। देशभर से महाकाल दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु तडक़े 4 बजे होने वाली भस्म आरती के दर्शन अवश्य करना चाहते हैं। दिसंबर माह में 25 दिसंबर तक भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग फुल है। इसके बाद 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक ऑनलाइन बुकिंग को ब्लॉक कर दिया गया है। भीड़ वाले इन दिनों में भक्तों को मंदिर कार्यालय के समीप स्थित भस्म आरती बुकिंग काउंटर से ऑफलाइन अनुमति दी जाएगी।

महाशिवरात्रि की बुकिंग भी ब्लॉक
महाकाल मंदिर की वेबसाइट पर भक्त अब दो माह पहले से भस्म आरती दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। दिसंबर माह में जनवरी व फरवरी 2025 के लिए बुकिंग का विकल्प खुला हुआ है। हालांकि फरवरी में 26 व 27 फरवरी की बुकिंग ब्लॉक है। वजह 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तथा 27 फरवरी को साल में एक बार दिन में दोपहर 12 बजे भस्म आरती होगी। दोनों ही दिन हजारों श्रद्धालु भस्म आरती दर्शन करना चाहते हैं। लेकिन मंदिर प्रशासन ने दोनों दिन की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा को ब्लॉक कर दिया है।

10 हजार भक्त रोज कर सकेंगे भोजन
इस बीच, महाकाल मंदिर के अन्नक्षेत्र की क्षमता को दो गुना करने की तैयारी की जा रही है। अब प्रतिदिन 10 हजार भक्त भोजन कर सकेंगे। मंदिर प्रशासन द्वारा इसे लेकर बुधवार को बैठक आयोजित होगी। इसमें सात दिन की व्यंजन सूची भी निर्धारित होगी। प्रतिदिन बनने वाले भोजन की गुणवत्ता में सुधार भी किया जाएगा। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा श्री महाकाल महालोक के नंदी द्वार के सामने पार्किंग परिसर में अन्नक्षेत्र का संचालन किया जाता है। दो मंजिला अत्याधुनिक अन्नक्षेत्र में 1500 भक्तों के एक साथ बैठकर भोजन करने की सुविधा उपलब्ध है। वर्तमान में केवल तल मंजिल का मंजिल का उपयोग किया जा रहा है। प्रतिदिन करीब 4 से 5 हजार भक्त भोजन प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं। नई योजना तल मंजिल के साथ प्रथम तल के उपयोग की है। इस व्यवस्था से दिनभर में करीब 10 हजार भक्त महाप्रसादी ग्रहण कर सकेंगे।

अत्याधुनिक किचन में मशीनों से बनता है भोजन
महाकाल मंदिर का अन्नक्षेत्र देश के बड़े मंदिरों के अन्नक्षेत्र की तरह विशाल व अत्याधुनिक है। इसमें मशीनों से भोजन तैयार किया जाता है। सुबह 11 बजे भगवान महाकाल को भोग अर्पित करने के बाद भक्तों को प्रसाद रूप में भोजन कराया जाता है। भक्तों के लिए प्रसादी की सुविधा रात 9 बजे तक मिलती है।

हर दिन मिलेगा नया स्वाद
अन्नक्षेत्र में वर्तमान में दाल, चावल, रोटी, सब्जी तथा केसरिया भात, बेसन चक्की, खीर आदि के रूप एक मिठाई बनाई जाती है। यह मैन्यू सालों से चला आ रहा है। मंदिर समिति ने सब्जी के लिए टेंडर कर रखा है बावजूद इसके आए दिन लौकी, गिलकी जैसी एक ही प्रकार की सब्जी बनाई जाती है। कई बार चावल, काबुली चना आदि की गुणवत्ता भी कमजोर रहती है। इस संबंध में मंदिर प्रशासन को भी कई शिकायत मिली है। मामले में अधिकारी भोजन की गुणवत्ता सुधारने के साथ सात दिन की व्यंजन सूची निर्धारित करेंगे। इस व्यवस्था से देशभर से आने वाले भक्तों को भोजन में हर दिन नया स्वाद मिलेगा।