अमेरिका में होगी सेक्स हड़ताल : ट्रंप के सामने ये नई चुनौती

वाशिंगटन। राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद गर्भपात के अधिकारों को लेकर चिंतित महिलाओं ने एक असामान्य विरोध के रूप में सेक्स हड़ताल का निर्णय लिया है। हड़ताल के दौरान न कोई रिलेशन बनाएगा और न बच्चे पैदा करेगा। विरोध जताने वाली महिलाओं का कहना है कि ट्रंप की नीतियां महिलाओं के लिए खतरनाक हैं, और इस कारण वे इस असामान्य विरोध का सहारा ले रही हैं। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी चुनाव के दौरान ट्रंप पर महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों का आरोप लगाया था और कहा था कि वह गर्भपात के अधिकारों को समाप्त करना चाहते हैं। ट्रंप के विरोधी उन्हें महिलाओं के अधिकारों पर रोक लगाने और उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के लिए आलोचना का पात्र मानते हैं। ट्रंप की दोबारा जीत से अमेरिका में महिलाओं के अधिकारों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
यह हड़ताल कोरिया के नारीवादी 4बी आंदोलन से प्रेरित है, जो लैंगिक असमानता को चुनौती देने के लिए पुरुषों से यौन संबंधों से दूर रहने का समर्थन करता है। 4बी आंदोलन, जो 2019 में दक्षिण कोरिया में शुरू हुआ था, महिलाओं को चार प्रमुख प्रतिज्ञाओं पर जोर देता है – कोई सेक्स नहीं (बिसेकसु), कोई डेटिंग नहीं (बियोनाए), कोई शादी नहीं (बिहोन) और पुरुषों के साथ बच्चों का उत्पादन नहीं करना (बिचुलसन)। दक्षिण कोरिया में शुरू हुए इस आंदोलन का उद्देश्य पितृसत्तात्मक समाज को चुनौती देना था। इसका मानना है कि विरोध के माध्यम से जन्म दर में गिरावट आएगी, जिससे जनसंख्या पर असर पड़ेगा। अब अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद, कुछ महिलाओं ने इसी आंदोलन की तर्ज पर अपने विरोध का इज़हार किया है। उनके अनुसार, ट्रंप के राष्ट्रपति पद के दौरान गर्भपात पर सख्त नियम लागू होने की आशंका है, जिससे महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *