दमोह । दमोह जिले के हटा सिविल अस्पताल से स्वास्थय सुविधाओं के सिस्टम की लाचारी वाली तस्वीर सामने आई है। जहां दामोतीपुरा गांव निवासी की एक बालिका की मौत होने के बाद परिजनों को शव रखने अस्पताल में फ्रीजर नहीं मिला तो गर्मी से शव को बचाने के लिए लाचार पिता ने बाजार से बर्फ की सिल्ली खरीदी और अस्पताल में बर्फ पर सिल्ली पर लिटाकर बेटी के शव के साथ बैठा नजर आया। हालांकि, अधिकारी कह रहे हैं कि एक ही फ्रीजर था, जिसमें पहले से एक शव रखा था। जानकारी के अनुसार, राजपुरा थाना दमोतीपुरा गांव निवासी 15 वर्षीय दीक्षा पिता लंगड़ा आदिवासी शुक्रवार शाम बरगद के पेड़ से गिरकर घायल हो गई, जिसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल हटा लाया गया। जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया और शनिवार सुबह शव का पीएम होना था। लेकिन शव को रखने के लिए अस्पताल में एक ही फ्रीजर था और किसी की मौत होने पर फ्रीजर उस परिवार को दे दिया गया, उसमें शव रखा था। इस हालात में शव रखने कोई इंतजाम नहीं था। इसके बाद पिता को बाजार से बर्फ की सिल्ली खरीदनी पड़ी और उस पर बेटी का शव रखकर पूरी रात पिता वहीं बैठा रहा और शनिवार सुबह बेटी के शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। पिता लंगड़ा आदिवासी ने बताया कि वह बेटी को लेकर शाम पांच बजे हटा सिविल अस्पताल पहुंच गया था। जहां बेटी की मौत हो गई थी, लेकिन उसे कोई सुविधा नहीं मिली और अस्पताल प्रबंधन ने उसे पालीथीन और बर्फ लाने के लिए कहा। वह यह लेकर आया और पूरी रात इसी तरह बेटी के शव के पास अस्पताल में पड़ा रहा। हटा बीएमओ डाक्टर अमन श्रीवास्तव ने बताया कि सिविल अस्पताल में एक ही फ्रीजर है, जिसे लोकल में एक मौत होने पर उसमें शव रख दिया गया था। शाम को बच्ची अस्पताल पहुंची, जहां उसकी मौत हो गई थी। इस वजह से उसे फ्रीजर नहीं मिला, पालीथीन और बर्फ की व्यवस्था करवा दी गई थी।