इंडियन रेलवे की गिनती दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में होती है।
देश में हर दिन लाखों की तादाद में लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं। यात्रियों की संख्या इतनी अधिक होने की वजह यह है कि रेलवे से सफर सस्ता पड़ता है।
साथ ही फर्राटा ट्रेनें समय की भी बचत करती हैं। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे की ओर से कई तरह की फैसिलिटीज दी जाती हैं।
ट्रेन में अलग-अलग वर्ग के हिसाब से फर्स्ट एसी, सेकंड एसी, थर्ड एसी, स्लीपर और सामान्य कोच की सुविधा दी गई है। गर्मी के दिनों में लोग आरामदायक यात्रा के लिए एसी कोच को प्राथमिकता देते हैं।
हालांकि, स्लीपर और जनरल की तुलना में एसी कोच के लिए ज्यादा किराया देना पड़ता है। मगर, सवाल है कि सर्दियों में तो ट्रेन का एसी चलाने की जरूरत नहीं पड़ती… फिर रेलवे उसका चार्ज क्यों वसूलता है?
फिलहाल सर्दियों का मौसम चल रहा है। अगर आपने इन दिनों ट्रेन के एसी कोच से यात्रा की है तो यह देखा होगा कि किराए में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि जब ठंड में एसी नहीं चलाई जाती तो रेलवे चार्ज कम क्यों नहीं कर देता? चलिए हम आपको इसका जवाब देते हैं।
दरअसल, ट्रेन के एसी कोच को गर्मियों के मौसम में ठंडा रखा जाता है और सर्दियों के दिनों में गर्म रखते हैं। गर्मी के वक्त बाहर का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है।
इस दौरान एसी कोच के भीतर का तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जाता है। इसी तरह ठंड के दिनों में बाहर का तापमान 4-8 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। इस समय एसी कोच के अंदर का तापमान 17-21 डिग्री सेल्सियस तक रखते हैं।
ब्लोअर से कोच को गर्म रखने का प्रयास
सर्दी के दिनों में रेलवे ट्रेन के एसी को बंद रखता है, ऐसा कहना पूरी तरह से सही नहीं है। दरअसल, ठंड के मौसम में तापमान को मेंटेन रखने के लिए AC में लगे हीटर को चलाया जाता है।
साथ ही ब्लोअर चलाकर पूरे डब्बे में गर्म हवा पहुंचाई जाती है। मालूम हो कि ट्रेन के एसी कोच का हीटर कुछ खास तरह का होता है।
यही वजह है कि सारी रात हीटर में रहने के बाद भी यात्रियों को सूखी त्वचा जैसी शिकायत नहीं होती। आपने गौर किया होगा कि हमारे घरों में लगे रूम हीटर से सूखी त्वचा का एहसास होने लगता है।
इस तरह अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि सर्दियों में भी ट्रेनों में लगा एसी काम कर रहा होता है। यही कारण है कि रेलवे की ओर से यात्रियों से पूरा किराया लिया जाता है।