नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जिसमें सैकड़ों लोगों के घर उजड़ गए तो कई लोग अपनी जान गंवा बैठे। दिल्ली के गाजीपुर में एक महिला और उसकी तीन साल की बच्ची बारिश के दौरान एक नाले में बह गए और अब उनका शव 7 किलोमीटर दूर नोएडा के पास मिला है। इसी तरह दिल्ली के एक और इलाके में एक मकान की छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि एक इलाके में बिजली की तारों से करंट लगने के कारण एक छात्र की कोचिंग सेंटर जाते हुए मौत हो गई। ये हाल देश की राजधानी दिल्ली में हो रहा है।
बारिश और बाढ़ में सबसे बुरा हाल हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का हो गया है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और दूसरे इलाकों में बादल फटने से 2 लोगों की मौत हो गई है जबकि 52 लोग अब भी लापता हैं और ऐसी आशंका है कि ये लोग भी मर चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटे से कई इमारतें ध्वस्त होकर उफनती नदियों में समा चुकी हैं। इस जलजले ने हिमाचल प्रदेश के पूरे रोड नेटवर्क को बुरी तरह से प्रभावित किया है। हिमाचल प्रदेश में पिछले एक साल में सड़कें, पुल और बांध बनाने पर लगभग 5 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। लेकिन ये इन्फ्रास्ट्रक्चर 24 घंटे की भारी बारिश को भी सह नहीं पाया। पहाड़ों पर जब किसी टनल और सड़क का निर्माण होता है, तो इस दौरान दो बातों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है। पहली बात ये कि वो सड़क हर तरह के मौसम की मार को सह पाए और दूसरा, इन्फ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी ऐसी हो कि इसकी बार-बार मरम्मत ना करनी पड़े। लेकिन पिछले 24 घंटे की बारिश ने हिमाचल प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर की पोल खोल कर रख दी है। वहीं उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल में बादल फटने से दो लोगों की मौत हो गई। जबकि केदारनाथ में भी बादल फटने से 30 मीटर की एक सड़क मंदाकिनी नदी में समा गई। ये वही सड़क है जिसका पुनर्निर्माण वर्ष 2020 में हुआ था लेकिन सिर्फ चार वर्षों में ही ये सड़क बारिश में धंस गई और अब इसके कारण केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है और अब वहां 200 श्रद्धालु फंसे हुए हैं। इस त्रासदी में केदारनाथ के स्थानीय दुकानदारों ने खाने-पीने से लेकर बाकी चीजों के दाम दो से तीन गुना बढ़ा दिए हैं। यहां आम आदमी ही दूसरे आम आदमी को लूटने में जुट गया है।
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर से आई तस्वीरों ने सभी को चौंका दिया, जहां पिछले हफ्ते एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। लेकिन कल एक बार फिर इस इलाके में कई फीट पानी भर गया और जिन कोचिंग सेंटर्स के बेसमेंट को एमसीडी ने सील किया था, वो बेसमेंट एक बार फिर बारिश के पानी से भर गए। ये हाल उस इलाके का है, जहां देशभर से छात्र आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने आते हैं। पिछले हफ्ते जिस राउस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हुई उस कोचिंग संस्थान की स्थापना आजादी के 6 साल बाद वर्ष 1953 में हुई थी और उस समय डॉ एस राव ने इस कोचिंग संस्थान की नींव रखी थी। डॉ एस राव भारत में ऐसे युवाओं की पौध तैयार करना चाहते थे, जो नौकरशाही में जाकर भारत की व्यवस्था को बदल सकें। इसके लिए उस समय उन्होंने कनॉट प्लेस के एक होटल के एक छोटे कमरे में छात्रों को पढ़ाना शुरू किया था लेकिन वर्ष 1980 आते-आते ये कोचिंग सेंटर शिक्षा की एक बहुत बड़ी दुकान में बदल गया और आज देशभर में इसके 3 बड़े आउटलेट हैं। इसका सालाना रेवेन्यू 10 करोड़ रुपये है।
साइबर सिटी बनी लेक सिटी
अब बात गुरुग्राम की जिसे भारत की साइबर सिटी कहा जाता है। लेकिन साइबर सिटी अब लेक सिटी बन चुकी है। जिस गुरुग्राम के लोग सरकार को सालाना ढाई लाख रुपये का टैक्स देते हैं, उस गुरुग्राम में अब लग्जरी गाड़ियों से लेकर बड़े-बड़े बंगले और मकान बाढ़ में डूबे हुए हैं। गुरुग्राम में 24 हजार से ज्यादा बड़ी और मल्टीनेशनल कंपनियां हैं और गुरुग्राम में कई हाउसिंग सोसायटी ऐसी हैं, जहां 100-100 करोड़ रुपये के फ्लैट हैं।
केदारनाथ में आया सैलाब; गाजियाबाद के चार युवक पानी में बहे
खोड़ा से उत्तराखंड के केदारनाथ यात्रा पर गए पांच दोस्तों में से चार दोस्त पानी में बह गए। काफी तलाश करने के बाद भी उनका पता नहीं चल सका। वहां बादल फटने की वजह से अचानक पानी का सैलाब आ गया। इसकी सूचना बचे युवक ने चारों दोस्तों के स्वजन को दी है। चारों के स्वजन केदारनाथ के लिए रवाना हो गए हैं।खोड़ा कालोनी के अर्चना एन्क्लेव में रहने वाले सुमित शुक्ला, कृष्णा पटेल, मन्नू, चिराग और सचिन नाम के पांच दोस्त थे। पांचों हरिद्वार गए थे। वहां से वह केदारनाथ के लिए निकल गए। केदारनाथ में अचानक बादल फट गया। जिसके बाद पानी का सैलाब आ गया।बताया गया इनमें से एक युवक को खच्चर वाले व्यक्ति ने बचा लिया। जबकि उसके चार अन्य साथी सुमित शुक्ला, कृष्णा पटेल,मन्नू, चिराग पानी में बह गए। काफी तलाश करने के बाद भी उनका सुराग नहीं चला। इस घटना की जानकारी सचिन नाम के युवक ने ही उनके घर वालों को दी है।लापता युवकों के स्वजन उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए हैं। मन्नू के पिता अनुराग ने बताया कि सूचना मिलने के तुरंत बाद ही लापता हुए चारों दोस्तों के स्वजन केदारनाथ के लिए निकल गए थे। रात 12:30 बजे तक वह उत्तराखंड के ऋषिकेश में पहुंचे। उन्हें जानकारी मिली थी कि ऋषिकेश के अस्पताल में कुछ लोगों को लाया गया है। हाल की अभी तक उनके बच्चों का पता नहीं चला है।