जहां से सीढ़ियां बना स्‍वर्ग जाना चाहते थे पांडव, उसी मंदिर के चढ़ावे में हो रहा झोल

पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान निर्मित ऐतिहासिक एवं सुप्रसिद्ध बाथू की लड़ी मन्दिर में चढ़ावे को लेकर प्रशासन द्वारा कमेटी बनाई गई है, जोकि मन्दिर में चढ़ाए गए चढ़ावे के पैसों को शाम को एकत्रित करके प्रशासन के पास जमा करवा देता है, लेकिन तथाकथित व्यक्ति ऐसा करने पर प्रशासनिक कमेटी के कर्मियों के साथ उलझ रहे हैं. खुद ही तथाकथित व्यक्ति चढ़ावे को ले जा रहे हैं व प्रशासनिक कमेटी के पदाधिकारियों को डरा-धमका रहे हैं.

बुद्धिजीवियों का कहा कि प्रशासन को ऐसे लोगों पर कड़ा एक्शन लेना चाहिए। प्रशासन ने एक खाता खुलवाकर उसमें पैसा जमा करवाया है तथा इसको गौ सेंक्चुरी या अन्य धार्मिक कार्यों में लगाया जाएगा.

स्थानीय निवासी संजय राणा ने कहा कि प्रशासन ने कमेटी का गठन करके बहुत ही अच्छा कार्य किया है, ताकि चढ़ावे के पैसे को खाता में जमा करवाकर सामाजिक व धार्मिक कार्यों में लगाया जा सके. उन्होंने उन लोगों के खिलाफ भी एक्शन की बात कही है जो पैसे को उठाकर खुद ले जा रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि बाथू की लड़ी के ऊपर चढ़ने व पानी में नहाने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाए.

दरअसल, इस मंदिर की खास बात यह है कि यह आठ महीने पानी के अंदर डूबा रहता है. इस परिसर में मुख्‍य मंदिर के साथ ही आठ छोटे मंदिर या संरचनाएं भी बनी हुई हैं. यह आठ माह तक महाराणा प्रताप सागर झील के अंदर डूबा रहता है. विशेष बात यह भी है कि लंबे वक्‍त तक पानी के अंदर डूबे रहने के बावजूद इसकी संरचना पर अभी तक कोई फर्क नहीं पड़ा है. क्‍योंकि इसके पीछे वजह बताई जाती है कि यह बा थू नामक एक बेहद मजबूत पत्‍थर ये निर्मित है. पौराणिक मान्‍यता है कि पांडवों ने यही से स्‍वर्ग जाने के लिए सीढि़यां बनाई, लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर सके.
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *