थम गया चुनाव प्रचार का शोर, अब 36 घंटे प्रचार के लिहाज से अहम

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार शाम 5 बजे से चुनाव प्रचार का शोर थम गया, लेकिन सोमवार की रात और मंगलवार का दिन-रात प्रचार के लिहाज से अहम रहेगा। इन 36 घंटों में कई स्थानों पर दिन-रात लक्ष्मीदर्शन प्रयोग भी होने की संभावना है। यानि अब पैसों और प्रलोभन का भी खूब खेला होगा। मालूम हो कि रोड शो, पदयात्राओं, सभाओं, नुक्कड़ सभाओं और सार्वजनिक सभाओं के माध्यम से किए गए वादों को पूरा करने, आरोप-प्रत्यारोप के मौखिक तीर और आलोचना के जवाब के कारण समूचे महाराष्ट्र में प्रचार अभियान अपने चरम पर रहा। चुनाव के बीच आखिरी रविवार की छुट्टी का फायदा उठाते हुए विभिन्न दलों के प्रत्याशियों और पदाधिकारियों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसलिए रविवार प्रचार का सुपर संडे बन गया। विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम पांच बजे थम गया। अब गुप्त बैठकें और राजनीतिक दांवपेंच चलने की खबर है। हालांकि चुनाव टीमें राजनीतिक दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं और नागरिकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है क्योंकि मतदान से पहले के 36 घंटे महत्वपूर्ण हैं। आपको बता दें कि चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों ने 5 नवंबर से चुनाव प्रचार शुरू किया था। नेताओं की बैठकें, सभाएं, प्रचार दौर ने चुनाव प्रचार को अच्छा रंग दिया। आरोप-प्रत्यारोप के चलते सियासी माहौल भी खूब गरमा गया। करीब 13 दिनों के प्रचार के बाद सोमवार दिनांक 18 नवंबर को शाम 5 बजे चुनाव प्रचार अभियान का शोर थम गया। हालांकि सार्वजनिक प्रचार बंद रहेगा लेकिन मतदाताओं के घर जाकर प्रचार किया जाएगा। इसी दौरान गुप्त बैठकों के सत्र प्रारम्भ होते हैं। कल 20 नवंबर को मतदान होने वाला है। मतदान से पहले के दो दिन महत्वपूर्ण होते हैं। निर्वाचन विभाग, पुलिस बल एवं मोबाइल टीमें दो दिन अधिक सक्रिय रहती हैं। वह उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों, नेताओं, कार्यकर्ताओं और नागरिकों की गतिविधियों पर भी नजर रखती है।  

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