प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बीते नौ साल में करीब 84 लाख घर बनकर तैयार हो चुके हैं और इन्हें लाभार्थियों को सौंपा जा चुका है। अब केंद्र सरकार ने इस योजना को विस्तार देने की योजना बनाई है।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अगले महीने पेश होने वाले केंद्रीय बजट में शहरों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के लिए किफायती आवास योजना में बदलाव किए जाने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 10 जून को मंत्रिमंडल ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले फैसले में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत तीन करोड़ अतिरिक्त घरों को मंजूरी दी, जिनमें से एक करोड़ घर पीएमएवाई-शहरी के तहत शहरों के लिए थे।
सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त एक करोड़ घरों को पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत तैयार किए जाने की संभावना है। जुलाई में आने वाले बजट में इसके लिए फंड की व्यवस्था की जाएगी।
एक अधिकारी ने बताया कि नई योजना में पीएमएवाई से सीख ली जाएगी, जिसे 25 जून 2015 को लॉन्च किया गया। यह इस साल दिसंबर में समाप्त होगी।
अभी भी तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है, लेकिन नई योजना लाभार्थियों तक बेहतर तरीके से पहुंचने पर फोकस होगी। सरकार चाहती है कि सभी जरूरतमंदों को समय पर घर मिल सके।
पीएमएवाई-यू की दिसंबर 2024 की समय सीमा से पहले लॉन्च किए जाने की संभावना है। योजना के पहले संस्करण के लिए मांग का आकलन किया गया था।
नई योजना के लिए एक करोड़ घरों का लक्ष्य सांकेतिक है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लॉन्च होने के बाद से नौ वर्षों में पीएमएवाई-यू के तहत 84 लाख घर पूरे हो चुके हैं और लाभार्थियों को सौंपे गए हैं।
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