मप्र में होगा देश का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल पार्क

भोपाल । मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश के विकास और विभागीय कार्यों से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट मीटिंग में मप्र में औद्योगिक विकास और रोजगार के सुनहरे अवसर देने वाली परियोजनाओं और कार्यों को मंजूरी दी गई है। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2025 मध्य प्रदेशभर में उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जाएगा, उद्योग विभाग, विशेषकर विज्ञान-तकनीक, कुटीर और ग्रामोद्योग, माइनिंग, नवीनीकरण ऊर्जा, उद्यानिकी, फूड प्रोसेसिंग आदि विभागों में सालभर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। वहीं इन सभी विभागों को ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने के प्रयास करने की चुनौती भी दी गई है।

हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
मप्र में देश का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जाएगा। इसके लिए इंदौर-उज्जैन के बीच ग्रीन फील्ड रोड बन रही है। इसकी लंबाई 48 किलोमीटर है। ये भी 4 लेन है। इसकी लागत 1370 करोड़ से बनेगी। इसकी खासियत ये होगी कि ये इंदौर-उज्जैन को तो जोड़ेगी, पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र से भी जुड़ेगी, इसलिए औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। एयरपोर्ट के करीब से निकलेगी इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है। लेफ्ट से ये पीथमपुर से तो राइट साइड में उज्जैन से जुड़ेगी। ये महत्वपूर्ण सडक़ है, जो विकास और रोजगार साथ लेकर आएगी।

मप्र बनेगा औद्योगिक विकास का हब
कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट मीटिंग की जानकारी देते हुए बताया कि औद्योगिकीकरण जब होता है तो उसके साथ रोजगार का सृजन होता है। एमपी के सीएम ने लगातार संभागों में जाकर एक ऐसा औद्योगिक वातारण बनाया है, जिसका परिणाम अब देखने को मिल रहा है। उन्होंने सीएम के यूके और जर्मनी के दौरे पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले दिनों सीएम मोहन यादव यूके और जर्मनी के दौरे पर गए और वहां के बड़े उद्योगपतियों और उनके प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उन्हें एमपी में निवेश के लिए आकर्षित किया। सीएम का ये टूर उनके उद्देश्य पूरे करने में सफल रहा। इसी का परिणाम रहा कि एमपी में यूके और जर्मनी से 78 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इन निवेशों के प्रस्ताव जल्द ही हकीकत में बदलेंगे और मध्य प्रदेश देशभर में औद्योगिक विकास का बड़ा डेस्टिनेशन बन जाएगा। भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट में भी जर्मनी और यूके के ये सभी निवेशक पार्टनर बनेंगे। मंदी के वातावरण में भी ये निवेश आना एमपी की औद्योगिक नीति दोस्ताना नीति और सीएम का एमपी में विदेशी निवेश का संकल्प सफल होता नजर आ रहा है।