देहरादून, 20 जून। जमीन का फर्जी मालिक बन कर किसी अन्य की भूमि का सौदा करने वाला मुख्य अभियुक्त दून पुलिस के हत्थे चढ़ गया हैं। अभियुक्त को गैर प्रान्त सहारनपुर से दून पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। पुलिस का कहना हैं की अभियुक्त द्वारा फर्जीवाड़ा करने के आशय से दस्तावेजो में धर्मान्तरण, किया गया था। अभियुक्त प्रमोद गुज्जर से अरशद कय्यूम बना था। संगठित गिरोह के कई अन्य अभियुक्त भी दून पुलिस के रडार पर आये हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिये टीमें रवाना हो गई हैं।
थाना राजपुर पर 10 जून को राकेश बत्ता निवासी 19 महंत रोड लक्ष्मण चौक देहरादून ने तहरीर दी कि गिरीश कोटियाल, दिनेश कुमार अग्रवाल (वरिष्ठ आर्किटेक्ट) व राजीव कुमार नाम के व्यक्ति ने उन्हें राजपुर रोड स्थित एक प्लॉट (677.25 वर्ग मी0 मौजा धौरण खास) में दिखाया, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये थी और बताया कि यह अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति की है जो उनका जानने वाला है तथा वे उससे बात करके उक्त प्लाट की रजिस्ट्री वादी के नाम पर करवा देंगे, उसके पश्चात उक्त तीनों व्यक्तियों ने वादी की अरशद क्य्यूम नाम के व्यक्ति से मुलाकात कराई। अभियुक्तगणो द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर वादी को धोखा देकर उससे एक इकरारनामा बनाया गया और अरशद कय्यूम के नाम पर 55 लाख रुपये खाते में तथा 25 लाख नकद लिए गये, जब वादी राकेश बत्ता उक्त प्लॉट में कब्जा लेने पहुंचा तो वहां पर अरशद कय्यूम नाम का व्यक्ति मौजूद मिला, जिसके द्वारा अपनी प्रॉपर्टी के पेपर दिखाते हुए उक्त प्रॉपर्टी को अपना बताया। जिस पर राकेश बत्ता को अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी हुई। तहरीर के आधार पर थाना राजपुर में मु.अ.सं. 132/2024 धारा 419/ 420/ 467/ 468/ 471/ 120बी भादवि पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी। 11 जून को साक्ष्यो के आधार पर अभियुक्त गिरीश कोठियाल पुत्र स्वर्गीय चंद्रमणि निवासी हरीपुर नवादा थाना नेहरू कॉलोनी देहरादून उम्र 43 वर्ष, दिनेश अग्रवाल पुत्र जयराम अग्रवाल निवासी रेस कोर्स थाना कोतवाली देहरादून, उम्र 67 वर्ष व राजीव कुमार पुत्र दाताराम निवासी ग्राम रावटी थाना हीमपुर जनपद बिजनौर उत्तर प्रदेश उम्र 52 वर्ष को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। अभियुक्तगणों द्वारा पूछताछ में प्रमोद कुमार पुत्र रतिराम के द्वारा फर्जी अरशद कय्यूम बनकर कूटरचित दस्तावेज के आधार पर वादी राकेश बत्ता से इकरारनामा कर 80 लाख रुपये नगद व बैंक खातों में एवं दो करोड के दो चैक लेना तथा सम्बन्धित भूमि की डील 5 करोड़ में होना ज्ञात हुआ, जिसमे से शेष पैसा रजिस्ट्री के दिन देना तय हुआ था। साक्ष्यो के आधार पर अभियुक्त प्रमोद कमार पुत्र रतिराम का नाम प्रकाश में आया। अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा टीम गठित कर आवश्यक निर्देश दिये गये। निर्गत निर्देशों के अनुपालन में पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु लगातार उसके सम्भावित स्थानों पर दबिशें दी जा रही थी, साथ ही स्थानीय मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया गया। पुलिस टीम द्वारा किये जा रहे लगातार प्रयासों के परिणाम स्वरूप अभियुक्त प्रमोद कुमार पुत्र रतिराम निवासी अनुराग विहार थाना सदर बाजार जनपद सहारनपुर उप्र को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त को समय से न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। पूछताछ में अभियुक्त प्रमोद कुमार द्वारा बताया गया कि वह पूर्व में अपने परिवार के साथ बापूजी नगर सहारनपुर में किराये पर रहता था तथा वर्तमान में अनुराग विहार सहारनपुर में उसका अपना मकान है, जहां उसकी दूध की डेयरी है। उसकी डेयरी से दूध ले जाने वाले एक व्यक्ति लक्ष्य चौधरी पुत्र नेत्रपाल द्वारा जनवरी 2024 में उससे सम्पर्क कर उसे बताया कि देहरादून में एक भूमि है, जिसे उसे मालिक ने 2001 में खरीदा था पर अब उसकी मृत्यू हो चुकी है। उक्त भूमि को किसी अन्य को बेचने के लिये उसे 02-03 जगहों पर हस्ताक्षर करने हैं, जिसके एवज में उसे अच्छी धनराशि दी जायेगी। जिस पर लालच में आकर अभियुक्त प्रमोद कुमार द्वारा हामी भर दी गई। उसके पश्चात लक्ष्य चौधरी अभियुक्त को फरवरी 2024 में हरिद्वार ले गया, जहां मौ0 वसीम पुत्र अल्लादिया, ईनाम अहमद पुत्र अयूब तथा शादाब अहमद से उसकी मुलाकात करवाई गई, जिनके द्वारा अभियुक्त को बताया गया कि देहरादून स्थित उक्त भूमि का मालिक अरशद कयूम था, जिसकी मृत्यू हो गई है तथा उसके आगे-पीछे कोई नहीं है। उक्त व्यक्तियों द्वारा अभियुक्त प्रमोद कुमार से उसका पैन कार्ड लेते हुए उसमें अभियुक्त का नाम बदलकर अरशद कयूम पुत्र हाजी अब्दुल कयूम करवाया गया तथा उसे लेकर देहरादून आये, जहां उसकी मुलाकात कचहरी में दिनेश अग्रवाल, गिरीश कोटियाल तथा राजीव कुमार से हुई, जिनके द्वारा अभियुक्त को बताया गया कि अरशद कयूम नाम का व्यक्ति जो भदोई उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, उसकी सहस्त्रधारा रोड पर तीन बीघा प्रापर्टी है, जिसकी कीमत लगभग 05 करोड रू0 है। उक्त जमीन के मालिक अरशद कयूम की मृत्यू हो चुकी है तथा उनके द्वारा उक्त प्रापर्टी के कागजात तैयार करा लिये हैं। अभियुक्त को केवल अरशद कयूम बनकर एक व्यक्ति से एग्रीमेंट करना है तथा उसके एवज में जो भी पैसे मिलेंगे उसमें से अभियुक्त को उसकी हिस्सेदारी दे दी जायेगी। जिस पर अभियुक्त द्वारा उक्त फर्जी कागजातो पर हस्ताक्षर कर दिये गये। अभियुक्त से पूछताछ के आधार पर अभियोग में कुछ अन्य व्यक्तियों के नाम प्रकाश में आये हैं, जिनकी तलाश हेतु टीमों को सम्भावित स्थानों पर रवाना किया गया है।