कश्मीर में बड़े हमले की फिराक में थे अखनूर में मारे गए आतंकी 

जम्मू । अखनूर मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए तीन आतंकवादी कश्मीर में बड़े हमले की तैयार में थे। आतंकियों के तार प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद समूह से जुड़े थे और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घुसपैठ कर इस क्षेत्र में आए थे। पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा के अखनूर सेक्टर में केरी बट्टल में आतंकियों के साथ सुरक्षाबल की करीब 27 घंटे मुठभेड़ चली। इसमें जवानों ने तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया। आतंकी घुसपैठ कर बट्टल में प्राचीन शिव मंदिर में छिप गए थे। मुठभेड़ के दौरान शिव आसन मंदिर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन वहां लगा प्राचीन शिवलिंग जस का तस है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि आतंकवादी प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी समूह के गुर्गों द्वारा पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले अखनूर मार्ग का उपयोग करके एक बड़े हमले की योजना बना रहे थे। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, आतंकवादी बट्टल क्षेत्र के माध्यम से अखनूर क्षेत्र में घुसे और उनके पास से जब्त किए गए एक वायरलेस सेट ने जैश-ए-मोहम्मद के साथ उनके जुड़ाव की पुष्टि की। अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादी कथित तौर पर एक बड़े हमले का लक्ष्य बना रहे थे। हालांकि, सेना के 10 इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने दावा किया था कि इस क्षेत्र में लंबे समय से घुसपैठ नहीं देखी गई है। मेजर जनरल श्रीवास्तव ने संकेत दिया कि क्षेत्र में आतंकवादी छोटे समूहों में काम कर रहे थे और योजनाबद्ध हमले के लिए अखनूर चले गए थे। मुठभेड़ सोमवार की सुबह तब शुरू हुई जब बट्टल में शिव मंदिर आसन में आए तीन स्थानीय किशोर लड़कों का सामना लड़ाकू पोशाक पहने सशस्त्र आतंकवादियों से हुआ। 

क्या है जैश-ए-मोहम्मद?
बताते चलें कि जैश-ए-मोहम्मद का शाब्दिक अर्थ मोहम्मद की सेना से है। इस संगठन का उद्देश्य कश्मीर को पाकिस्तान में एकीकृत करना है। पाकिस्तान में मौजूद मुस्लिम मौलवी मसूद अजहर ने सन् 1999 में भारत द्वारा रिहा किए जाने के बाद इस समूह की स्थापना की थी। मसूद उन लोगों में शामिल था, जिन्हें इंडियन एयरलाइंस के विमान के चालक दल और यात्रियों के बदले में छोड़ा गया था।

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