नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग से एक दिन पहले मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर नकदी बांटने का आरोप लगने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बहुजन विकास अघाड़ी (बीवीए) नेता हितेंद्र ठाकुर ने तावड़े पर नकदी बांटकर चुनाव प्रभावित करने और मतदाताओं को लुभाने के लिए नकदी बांटने के आरोप लगाए। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ महाराष्ट्र के विरार स्थित विवांता होटल में तावड़े का घेराव करते हुए नारेबाजी की। इसके बाद भाजपा और विपक्षी दलों के बीच इस मामले में जमकर आरोप प्रत्यारोप लगाये गये।
भाजपा प्रवक्ता त्रिवेदी ने कहा कि विनोद तावड़े हमारे राष्ट्रीय महासचिव हैं और पार्टी के कई कार्यों की देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार ने उनसे बैठक में भाग लेने के लिए कहा। वो पास से गुजर रहा थे तो उन्होंने बैठक में जाना उचित समझा। ऐसी बैठकें पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदान प्रक्रिया के संबंध में निर्देश देने के लिए की जाती हैं। वहीं कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने विनोद तावड़े को लोगों द्वारा नकदी के बंडलों के साथ रंगे हाथों पकड़े जाने का वीडियो दिखाया। उन्होंने बताया कि तावड़े को मुंबई के विरार पूर्वी के एक होटल से रंगे हाथों पकड़ा गया, जबकि वह इस इलाके से ताल्लुक नहीं रखते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े खुलेआम पैसे बांटने आए थे, उनके पास से पांच करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं। इसके साथ ही उनके पास एक डायरी मिली है, जिसमें 15 करोड़ रुपये का लेखा-जोखा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, सवाल है कि ये पैसा चुनाव के महज कुछ घंटे पहले क्यों बांटा जा रहा है। नियम कहता है कि चुनाव प्रचार थम जाने के बाद कोई भी किसी दूसरे चुनावी इलाके में नहीं रह सकता, ऐसे में विनोद तावड़े विरार पूर्वी में क्या कर रहे थे? उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र चुनाव में सत्ता और संसाधनों का धड़ल्ले से दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि चुनाव आयोग अब कोई कार्रवाई करेगा या साक्ष्य मौजूद होने पर मूकदर्शक बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष के बैग, हेलीकॉप्टर चेक करेगी, लेकिन इनके नेता खुद करोड़ों रुपये लेकर घूम रहे हैं।