ताइवान और भारत के बीच संदेशों के आदान-प्रदान को लेकर चीन ने आलोचना की।
इस पर द्वीप राष्ट्र ने अब ड्रैगन के ऊपर पलटवार किया है। ताइवान के उप विदेश मंत्री टीएन चुंग-क्वांग ने कहा कि न तो हमारे राष्ट्रपति और न ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन से डरने वाले हैं।
दरअसल, चीनी विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी और ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के बीच संदेशों के आदान-प्रदान पर आपत्ति जताई थी।
द्वीप राष्ट्र की ओर से भारत में 2024 के आम चुनावों में मोदी की जीत पर बधाई दी गई थी। भारत और ताइवान के बीच मजबूत संबंधों की बात पर चीन की आलोचना के बारे में ताइवानी उप विदेश मंत्री से सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि पीएम मोदी और हमारे राष्ट्रपति डरेंगे नहीं।’
दरअसल, चीन ने भारत के समक्ष विरोध जताते हुए कहा था कि नई दिल्ली को ताइवान के अधिकारियों की राजनीतिक चालों का विरोध करना चाहिए। ड्रैगन के मुताबिक, ताइवान उसका एक विद्रोही और अभिन्न प्रांत है। इसे मेन लैंड से फिर से मिलाया जाना चाहिए, भले ही बलपूर्वक ही क्यों न किया जाए।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था, ‘सबसे पहले तो यह कि ताइवान क्षेत्र में कोई राष्ट्रपति नहीं है। चीन ताइवान के अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है।
विश्व में केवल एक ही चीन है और ताइवान, चीनी गणराज्य का अविभाज्य हिस्सा है।’ उन्होंने कहा कि एक-चीन सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पूरी तरह मान्यता प्राप्त मानदंड है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस पर आम सहमति है।
आखिर बधाई संदेश में क्या कहा गया?
पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा था कि वह ताइवान के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए उत्सुक हैं। मोदी ने यह टिप्पणी लोकसभा चुनाव में मिली जीत पर ताइवान के राष्ट्रपति के बधाई संदेश में की थी।
ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने मोदी को बधाई देते हुए पोस्ट किया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव में जीत पर मेरी हार्दिक बधाई।
हम तेजी से बढ़ती ताइवान-भारत साझेदारी को और आगे ले जाने, व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए उत्सुक हैं। इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए योगदान दिया जा सकेगा।
‘ मोदी ने इस बधाई संदेश का जवाब देते हुए पोस्ट में कहा, ‘लाई चिंग-ते, आपके गर्मजोशी भरे संदेश के लिए धन्यवाद। मैं ताइवान के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक व तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हुए और अधिक घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं।’
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