14 माह और नौ आतंकी हमले, 18 सैन्यकर्मी बलिदान…दस नागरिकों की हत्या, मारा न गया एक भी आतंकी

आतंकियों का जंगल से जिन्न की तरह निकलना। चंद मिनटों में हमला करना और फिर गायब…