देहरादून। रॉयल सऊदी नेवल फोर्सेज (आरएसएनएफ) के किंग फहद नेवल अकादमी के 76 प्रशिक्षुओं ने 18 जुलाई 24 को भारतीय नौसेना के प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) में अपना अफ्लोट ट्रेनिंग कोर्स पूरा किया। कोच्चि में तीन सप्ताह के इस प्रशिक्षण में बंदरगाह के साथ-साथ समुद्र चरण भी शामिल था। बंदरगाह चरण के दौरान, मुख्य रूप से नौवहन, अग्निशमन एवं क्षति नियंत्रण संबंधी पहलुओं पर सिम्युलेटर-आधारित प्रशिक्षण पर ध्यान केन्द्रित किया गया। समुद्री चरण के दौरान, प्रशिक्षुओं को जहाज संचालन, संचार प्रक्रियाओं और समुद्री कौशल विकास संबंधी प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करते हुए समुद्र में जीवन की बारीकियों से परिचित कराया गया। इसके अलावा, प्रशिक्षुओं को वॉटरमैनशिप ट्रेनिंग सेंटर और आईएनएस तरंगिनी पर नौकायन संबंधी प्रशिक्षण से अवगत कराया गया। 107 इंटीग्रेटेड ऑफिसर्स ट्रेनिंग कोर्स (आईओटीसी) के भारतीय नौसेना प्रशिक्षुओं के साथ आरएसएनएफ प्रशिक्षुओं की भागीदारी ने दोनों समुद्री देशों के प्रशिक्षुओं के बीच सौहार्द और मित्रता बढ़ाने में बेहद योगदान दिया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने ऐतिहासिक एवं स्थानीय महत्व के स्थानों की व्यवस्थित यात्राओं और भारतीय प्रशिक्षुओं के साथ मैत्रीपूर्ण खेल आयोजनों के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं जुड़ाव का अवसर भी प्रदान किया।प्रशिक्षण के समापन पर आयोजित एक कार्यक्रम में, दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ, रियर एडमिरल उपल कुंडू ने आरएसएनएफ के प्रशिक्षुओं और निर्देशन स्टाफ के साथ बातचीत की। बातचीत के दौरान, प्रशिक्षुओं ने अपने समुद्री अनुभव साझा किए और निर्देशन स्टाफ ने प्रदान किए गए उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण की सराहना की। आईएनएस तीर पर आयोजित समापन समारोह के दौरान प्रशिक्षुओं को पाठ्यक्रम पूरा करने के प्रमाण पत्र और पूर्व छात्र बैज प्रदान किए गए। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं की यात्रा पर प्रकाश डालने वाले एक पाठ्यक्रम संस्मरण का भी अनावरण किया गया। बढ़ी हुई भागीदारी के साथ लगातार दो प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों (2023 और इस वर्ष) का संचालन दोनों नौसेनाओं के बीच बढ़ती समुद्री साझेदारी का प्रमाण है।