स्टेट जीएसटी सुस्त…कार्रवाई हुई पस्त

भोपाल । स्टेट जीएसटी, एक ऐसा विभाग जब इनके अफसरों का मन आए तब सक्रिय वैसे कोई मतलब नहीं। स्टेट जीएसटी में मुख्यालय से पावर दिए जाने के सिस्टम के बाद एक तरह से पूरा विभाग की सुस्त हो गया है। शिकायतें मिलें तो मिलतीं रहें लेकिन मैदानी अमले को कोई पावर ही नहीं है। इसका सबसे ज्यादा फायदा कच्चे में काम करने वाले कारोबारी उठा रहे हैं। एक ई-वे बिल पर चार-चार चक्कर गाडिय़ां लगा रहीं हैं।
खास बात यह कि स्टेट जीएसटी के अमले को पता सब होता है कि कहां क्या चल रहा है लेकिन सब चुप बैठे रहते हैं। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। स्टेट जीएसटी के नए आयुक्त की ज्वाइनिंग अभी तक नहीं हुई है, यह भी एक कारण है कि अफसर होल्ड मोड में हैं। नए आयुक्त आएंगे तो नई गाडइलाइन से काम होने की संभावना जताई जा रही है। बता में ग्वालियर में सिटी सेंटर में कलेक्ट्रेट के पीछे स्टेट जीएसटी का कार्यालय है। यहां दो सर्किल के अलावा एंटी इवेजन ब्यूरा काम करता है। एंटी इवेजन ब्यूरो के मुखिया धूम सिंह चौहान हैं। सर्किल हो या एंटी इवेजन अफसरों की केाई कमी नहीं है। पिछले दिनों स्टेट जीएसटी के आयुक्त का शासन ने स्थानांतरण कर दिया था और इसके बाद आयुक्त के रूप में कमान एस धनराजू को सौंपी है। उनके ट्रेनिंग पर होने के कारण दूसरे अधिकारी के पास चार्ज है। नए आयुक्त के ज्वाइन न होने के कारण अधिकारी हो या मैदानी अफसर सभी होल्ड मोड पर हैं। मुख्यालय से भी अधिकारियों को पावर नहीं दी जा रही है क्योंकि अभी नए आयुक्त के आने का इंतजार है।

जीएसटी की बड़ी चोरी, रोकेगा कौन


हाइवे हो या शहर स्टेट जीएसटी की टीम कहीं भी एक्टिव नहीं है इसके अलावा काफी वक्त से कोई बड़ी कार्रवाई भी नहीं हुई है। पर्दे के पीछे की कहानी यह कि इसका सीधा फायदा उन कारोबारियों को दिया जा रहा है जो दूसरे राज्यों व शहरों से कच्चे में माल ला रहे हैं। यह पूरा कारोबार सुनियोजित ढंग से हो रहा है।

एक ई-वे बिल से चार चार चक्कर लगा रहे


एक ई-वे बिल से तीन से चार चार चक्कर लगाए जा रहे हैं। हाइवे पर कोई जांच न होने के कारण बड़े ट्रांसपोर्टर इसका सबसे ज्यादा फायदा उठा रहे हैं, कच्चे का काम करने वाले कारोबारियों से लेकर ट्रांसपोर्टरों को यह पता है कि कोई जांच नहीं होगी और पर्दे के पीछे सांठगांठ का खेल व मुखबिर तंत्र भी सक्रिय रहता है। इससे शासन को बड़ी जीएसटी चोरी हो रही है। सबसे ज्यादा ऐसे माल लोहा,पान मसाला, स्क्रैप पर एक बिल में कई चक्कर लगाए जा रहे हैं। इसमें बाहुबली ट्रांसपोर्टर से लेकर माननीयों के नजदीकी भी शामिल हैं।

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