सोनू निगम, भारतीय संगीत जगत का एक ऐसा नाम है जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। 30 जुलाई को जन्मे सोनू निगम ने अपनी मधुर आवाज और गायकी से न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में करोड़ों प्रशंसकों का दिल जीता है।
उन्होंने हिंदी के साथ- साथ कन्नड़, बंगाली, मराठी, तेलुगु, तमिल, ओडिया, भोजपुरी, गुजराती, मलयालम, नेपाली, तुलु, छत्तीसगढ़ी, मैतेई समेत कई भारतीय भाषाओं में भी गाना गाया है। उनके जन्मदिन के अवसर पर, आइए जानते हैं संगीत की दुनिया में उनकी इंस्पायरिंग कहानी और महत्वपूर्ण मील के पत्थर।
पिता के साथ शुरू किया गाना
सोनू निगम का जन्म 30 जुलाई 1973 को हरियाणा के फरीदाबाद में हुआ था। उनके पिता, अगम कुमार निगम, भी एक गायक थे, जिनसे सोनू को संगीत का परिचय मिला। बहुत कम उम्र में ही सोनू ने अपने पिता के साथ मंच पर गाना शुरू कर दिया था। उन्होंने महज चार साल की उम्र में ही पहली बार मंच पर "क्या हुआ तेरा वादा" गाना गाया था। इसके बाद, उन्होंने पिता के साथ कई बार मंच पर परफॉर्म किया।
मुंबई की ओर बढ़ाया कदम
सोनू निगम ने अपनी संगीत की शिक्षा के लिए मुंबई का रुख किया। मुंबई में उन्हें पहले कुछ साल संघर्ष से भरे रहे, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और संकल्प ने उन्हें आगे बढ़ाया। 1990 के दशक के शुरुआत में, सोनू ने कई टी-सीरीज के भजनों और कवर गीतों में अपनी आवाज दी
जब करियर को लगे पंख
सोनू निगम ने अपने सिंगिंग करियर का पहला गाना फिल्म "जानम" (1990) के लिए गाया था, लेकिन ये फिल्म कभी रिलीज नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने डीडी 1 के शो "तलाश" का गाना "हम तो छैला बन गए" गाया। टीवी के बाद उनका पहला फिल्म सॉन्ग बना गाना "आज मेरी जान" (1993), जो फिल्म "ओ आसमान वाले" के लिए था। हालांकि, 1992 में आया उनका एल्बम "रफी की यादें" ने उन्हें एक पहचान दी।
सुपरहिट गाने का सिलसिला
सोनू निगम को फिल्म 'बेवफा सनम' (1995) के गाने "अच्छा सिला दिया" ने बड़ी सफलता दिलाई थी। उनके करियर में ये गाना मील का पत्थर साबित हुआ था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1997 में फिल्म 'बॉर्डर' का गाना "संदेशे आते हैं" उनकी करियर को और ऊंचाइयों पर ले गया। सोनू निगम के कुछ यादगार गाने…
- "कल हो ना हो" (फिल्म: कल हो ना हो, 2003)
- "अभी मुझ में कहीं" (फिल्म: अग्निपथ, 2012)
- "सूरज हुआ मद्धम" (फिल्म: कभी खुशी कभी गम, 2001)
- "ये दिल" (फिल्म: परदेस, 1997)
- "संतरगी रे" (फिल्म: दिल से, 1998)
- "जिंदगी मौत न बन जाए" (फिल्म: सरफरोश, 1999)
- "मुझे रात दिन" (फिल्म: संघर्ष, 1999)
सोनू निगम ने जीते कई सम्मान
सोनू निगम ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें फिल्मफेयर, आईफा, और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार शामिल हैं। उनके योगदान को देखते हुए, उन्हें 2022 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया। सोनू निगम के सिंगिंक का सफर मेहनत और अपार प्रतिभा का प्रमाण है। उनकी मधुर आवाज ने भारतीय संगीत को एक नई दिशा दी है और वो आज भी लाखों दिलों की धड़कन बने हुए हैं।