एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि भारत में शॉपिंग मॉल बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
पिछले दो साल में बहुत से छोटे शॉपिंग माल बंद हो गए।
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में छोटे शॉपिंग मॉल तेजी से बंद हो रहे हैं क्योंकि ग्राहक अब या तो ऑनलाइन खरीददारी कर रहे हैं या फिर बड़े मॉल जाना पसंद करते हैं।
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म नाइट एंड फ्रैंकलिन ने यह रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया कि मॉल के अंदर दुकानों के खाली होने की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
जब किसी मॉल में 40 फीसदी से ज्यादा दुकानें खाली हो जाती हैं तो उसे घोस्ट मॉल यानी नाकाम करार कर दिया जाता है।
रिपोर्ट बताती है कि 2023 में भारत में ग्रॉस लीजेबल एरिया यानी किराये के लिए तैयार दुकानों की संख्या 238 फीसदी बढ़ी है लेकिन 2022 में घोस्ट मॉल 57 से बढ़कर 64 हो गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह ग्राहकों में मांग की कमी का संकेत है जो बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का कारण बन सकती है. इसका असर छोटे व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं पर सबसे ज्यादा पड़ सकता है।
भारत के जीडीपी में निजी उपभोग की हिस्सेदारी 60 फीसदी है. लेकिन इसमें ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है।
2023 की आखिरी तिमाही में अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी लेकिन निजी उपभोग में सिर्फ 3.5 फीसदी की वृद्धि हुई। 132 मॉल बंद होने के कगार पर 29 शहरों के सर्वे पर आधारित नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट थिंक इंडिया थिंक रीटेल 2024 शीर्षक से जारी की गई है।
फर्म के निदेशक गुलाम जिया ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, “बहुत सारे छोटे शॉपिंग मॉल बंद होने के कगार पर हैं।
एक लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल वाले 132 शॉपिंग मॉल नाकाम होने के कगार पर हैं। 2022 में इनमें खाली पड़ी दुकानों की संख्या 33.5 फीसदी थी जो 2023 में बढ़कर 36.2 फीसदी हो गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कमर्शल रीटेल प्रॉपर्टी का विस्तार बहुत ज्यादा हुआ है लेकिन उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।
2023 में 133 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल की दुकानें खाली पड़ी थीं जिस कारण डिवेलपर्स को 67 अरब रुपये का नुकसान हुआ। जिया कहते हैं कि छोटे शॉपिंग मॉल इसलिए नाकाम हो रहे हैं क्योंकि वे बड़े शॉपिंग सेंटरों जैसी सुविधाएं नहीं दे पा रहे हैं। इस कारण उनके मालिक गिरावट झेल रहे हैं।
बड़े शहरों में ज्यादा विफलता बड़े शॉपिंग मॉल, यानी ऐसे बाजार जिनका क्षेत्रफल पांच लाख वर्ग फुट से ज्यादा है, ज्यादा परेशानी में नहीं दिखाई देते. वहां खाली दुकानों की संख्या पांच फीसदी पर ही बनी हुई है।
मध्यम आकार वाले शॉपिंग मॉल में यह दर 15.5 फीसदी है. 2023 में भारत में 12.5 करोड़ वर्गफुट में फैले मॉल घोस्ट मॉल की श्रेणी में थे।
इनमें से 75 फीसदी आठ सबसे बड़े शहरों में थे. दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत देश के आठ सबसे बड़े शहरों में 2023 में कुल शॉपिंग मॉल घटकर 263 रह गए. हालांकि इन शहरों में आठ नए सेंटर खुले लेकिन 16 बंद हो गए।
बंद होने वाले मॉल सबसे ज्यादा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में थे, 53 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैली दुकानें बंद हुईं जो 2022 के मुकाबले 58 फीसदी ज्यादा था।
मुंबई में 21 लाख वर्गफुट और बेंगलुरु में 20 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में मॉल बंद हुए। लेकिन 2022 के मुकाबले इन शहरों में बंद हुए मॉल की यह दर क्रमशः 86 फीसदी और 46 फीसदी थी।
हैदराबाद में 19 फीसदी कम क्षेत्रफल में दुकानें बंद हुईं. यानी वहां दुकानें बंद होने की संख्या घटी है।