दिल्ली-एनसीआर में फूड कंपनियों की चांदी, आर्डर बढ़े पर कर्मचारी घटे

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं। क्लास ऑनलाइन चल रही हैं। दफ्तरों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है। ऐसे में लोग जरूरत सामान लेने भी बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में फूड कंपनी की चांदी हो गई है। क्विक कॉमर्स, ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर आर्डर की भरमार है लेकिन प्रदूषण के कारण वहां भी डिलीवरीमैन काम पर नहीं जा पा रहे हैं। इसलिए डिलीवरी कंपनियां इस समय दोहरी चुनौती से जूझ रही हैं। एक तो ऑर्डर में उछाल है वहीं मैनपावर की कमी से समय पर डिलीवरी नहीं हो पा रही है।

वायु प्रदूषण ने लोगों को किया घरों में कैद, क्विक कॉमर्स का चुन रहे ऑप्शन 
दिल्ली-एनसीआर में बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे हैं। कामगारों को वर्क फ्रॉम होम मिल गया है। तो फिर ग्राहक घर से बाहर निकलना छोड़ कर ऑनलाइन ऑर्डर का विकल्प चुन रहे हैं। ये ग्राहक भी क्विक कॉमर्स का ऑप्शन चुन रहे हैं। मतलब 10 मिनट में डिलीवरी करनी ही है। इससे इन कंपनियों के पास आर्डर तो खूब हैं, लेकिन डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों की संख्या घट गई है। क्योंकि पहले से काम कर रहे डिलीवरी पर्सन में भी कुछ लोग प्रदूषण की वजह से घरों से निकलने से बच रहे हैं। जेप्टो में काम करने वाले एक डिलीवरी पार्टनर ने बताया कि पहले मैं एक दिन में 30-35 ऑर्डर डिलीवर करता था, लेकिन अब यह बढ़कर 45-50 हो गए हैं। उन्होंने कहा कि रात में धुंध के कारण डिलीवरी में 5 से 10 मिनट ज्यादा समय लग रहा है।

धुंध से बचाव के लिए इनके बीच एन95 मास्क वितरित 
ऐमजॉन ने धुंध से बचाव के लिए इनके बीच एन95 मास्क वितरित किए हैं। यही नहीं, कंपनी ने अपने सेवा भागीदारों से भी अपने कर्मचारियों को मास्क देने का आग्रह किया है। कंपनी को एयर प्यूरीफायर की मांग में चार गुना वृद्धि भी देखने को मिल रही है, क्योंकि उत्तर भारत गंभीर प्रदूषण का सामना कर रहा है।इंडियन फेडरेशन ऑफ़ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के अध्यक्ष ने एग्रीगेटर कंपनियों से आग्रह किया कि वे खराब मौसम में उनकी सुरक्षा और भलाई के लिए डिलीवरी कर्मचारियों को मुफ़्त में सर्दियों के कपड़े दें। उन्होंने कहा कि दिल्ली के भयंकर धुंध और खराब वायु गुणवत्ता ने क्विक-कॉमर्स डिलीवरी भागीदारों के लिए खतरनाक परिस्थितियां पैदा कर दी हैं। इस समय डिलीवरी पार्टनर्स को घने धुंध में से गुज़रना पड़ता है, जिससे उन्हें ऑर्डर पूरा करते समय उच्च स्तर के वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य जोखिम में वृद्धि और सीमित दृश्यता ने उनके काम को और भी खतरनाक और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। वह अपनी जान पर खेलकर आर्डर पूरे कर रहे हैं।

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