बांग्लादेश में आम चुनाव को लेकर रविवार को मतदान शुरू हो गया है।
देश के मुख्य विपक्षी दल बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है और मौजूदा सरकार को अवैध करार देते हुए उसके खिलाफ 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की अपील की है।
पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा। पूर्व पीएम खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने मांग की है कि एक अंतरिम गैर दलीय निष्पक्ष सरकार चुनाव कराए। हालांकि, प्रधानमंत्री शेख हसीना नीत सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है।
आम चुनाव में मुख्य विपक्षी दल बीएनपी की अनुपस्थिति के कारण शेख हसीना के जीत दर्ज करने की उम्मीद है। मालूम हो कि हसीना साल 2009 से बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज हैं।
वह लगातार चौथी बार पीएम बनने की लड़ाई लड़ रही हैं। इस बीच, अवामी लीग नेता शेख हसीना ने राजधानी ढाका में आज अपना वोट डाला। सुबह 8 बजे मतदान केंद्र खुलने के ठीक बाद ही उन्होंने मतदान किया।
इसके बाद भारत से जुड़े सवाल पर हसीना ने कहा, ‘भारत हमारा भरोसेमंद दोस्त है। देश के मुक्ति संग्राम के दौरान उन्होंने हमारा साथ दिया था। साल 1975 के बाद जब हमने अपना पूरा परिवार खो दिया तो उन्होंने ही हमें आश्रय दिया। इसलिए भारत के लोगों को हमारी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।’
आम चुनाव का क्यों बायकॉट कर रहा विपक्ष
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के उपाध्यक्ष निताई रॉय चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
रॉय ने कहा, ‘यह सरकार भष्ट्राचार में डूबी है। यह लोकतांत्रिक सरकार नहीं है। लोकतंत्र के बिना विकास नहीं हो सकता। लोगों की भागीदारी होनी चाहिए। देश की राजनीति में मैं आर्थिक स्थितियों पर इतना जोर क्यों देता हूं? अगर हम अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक स्थिति में लाने में विफल रहते हैं, तो फिर कुछ नहीं होगा।’
उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। हम हिंसा और लोगों की संपत्ति को नष्ट करने में विश्वास नहीं करते।
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