नई दिल्ली। बीते दिनों मोहम्मद सोज़िव खान नामक एक पैसेंजर विदेश जाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था। उसे आईजीआई एयरपोर्ट से स्पाइस जेट की फ्लाइट एसजी-087 से बैंकॉक के लिए रवाना होना था। चेक-इन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सोज़िव ट्रैवल डॉक्यूमेंट की स्क्रुटनी के लिए ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के काउंटर पर पहुंच गया। इमिग्रेशन काउंटर पर मौजूद अफसर ने पहली नजर पासपोर्ट के बायोडाटा पेज और दूसरी नजर सोज़िव पर डाली। आईजीआई एयरपोर्ट की सिक्योरिटी से जुड़े सीनियर ऑफिसर के अनुसार, सोविक की सूरत देखते ही इमिग्रेशन अफसर की भौंहे तन गईं। वहीं इमिग्रेशन अफसर का सख्त चेहरा और आग बरसाती आंखें देखकर उसके पसीने छूटने लगे। इमिग्रेशन अफसर ने सख्त आवाज में पूछा– यह पासपोर्ट किसका है। यह सवाल सुनते ही उसका का चेहरा फक्क पड़ गया। दरअसल, सोज़िव कि पासपोर्ट में उसकी डेट ऑफ बर्थ जनवरी 08, 2000 लिखी थी। इस लिहाज से उसकी उम्र करीब 24 साल थी। वहीं देखने में, सोज़िव किसी बच्चे की तरह दिख रहा था। वहीं, सोज़िव से इमिग्रेशन अफसर की यह सख्ती वहां खड़े दो पैसेंजर्स को बर्दाश्त नहीं हुई, लिहाजा उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराना चाहा।
सिक्योरिटी से जुड़े अफसर ने बताया कि इमिग्रेशन अफसर का अगला सवाल अपना विरोध दर्ज करा रहे इन दोनों पैसेंजर्स से था। वहीं सवाल सुनते ही इन दोनों पैसेंजर्स के चेहरे पर भी पसीना आया गया। दरअसल, ये तीनों पैसेंजर एक साथ ही बैंकॉक जा रहे थे। जब तीनों पैसेंजर से पूछताछ की गई तो पता चला कि तीनों मूल रूप से बांग्लादेश के रहने वाले हैं। साजिव नाम से जारी पासपोर्ट लेकर आए पैसेंजर की वास्वतिक उम्र करीब 16 साल है। इस खुलासे के बाद इमिग्रेशन ब्यूरो ने तीनों पैसेंजर को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस नाबालिग के साथ आए दोनों पैसेंजर की पहचान मेहदी हसन और मोहेदुल मीर के रूप में है। नाबालिग के साथ-साथ ये दोनों पैसेंजर भी बांग्लादेश के खुल्ना के रहने वाले हैं।