रूस जंग के लिए बच्चों को कर रहा तैयार; स्कूल में परमाणु हमला, बम फेंकना सिखाया जा रहा, सिलेबस में कई बदलाव…

यूक्रेन और रूस के बीच चल रही खूनी जंग को आगामी 22 फरवरी के दिन तीन साल पूरे हो जाएंगे।

इस युद्ध में यूक्रेन ने तो हार मानी है और न ही रूस ने अपनी सेना को वापस बुलाने का फैसला लिया है। यूक्रेन के साथ चल रही खूनी जंग के बीच रूस को खुद पर परमाणु हमले का डर है।

यही वजह है कि रूस के शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के सभी स्कूलों में नया पाठ्यक्रम शुरू किया है। इस विषय के तहत बच्चों को यह पढ़ाया जा रहा कि यदि परमाणु हमला हो जाए तो उससे कैसे बचा जाए।

इसके अलावा बम फेंकना, हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह पाठ्यक्रम आगामी सितंबर महीने से देशभर के सभी स्कूलों में शुरू किया जाएगा।

न्यूजवीक की रिपोर्ट है कि रूस के स्कूलों में परमाणु हमले से बचने के तरीकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। किताबों में एक नया पाठ्यक्रम शामिल किया गया है- मातृभूमिक की सुरक्षा और रक्षा के बुनियादी सिद्धांत। इस नए विषय में यह पढ़ाया जाएगा कि यदि परमाणु हमला हो जाए तो बचा कैसे जाए? रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर महीने में यह पाठ्यक्रम देशभर के सभी स्कूलों में शुरू किया जाना तय हुआ है। रूस के शिक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों के हवाला से यह रिपोर्ट पेश की गई है।

परमाणु हमले से जैविक हमले में कैसे बचे
पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में, रूस के बच्चों को यूक्रेन में संघर्ष के बीच परमाणु युद्ध छिड़ने की स्थिति में खुद को बचाने के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। छात्र “सामूहिक विनाश के हथियारों हानिकारक प्रभावों के साथ-साथ उनके खिलाफ सुरक्षा के तरीकों के बारे में सीखेंगे।”

बच्चों को प्राकृतिक, मानव निर्मित और जैविक हथियारों से हुए हमले के बाद की आपदाओं और सैन्य खतरे जैसी आपात स्थितियों में खुद की रक्षा करना भी सिखाया जाएगा।

बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण, हथगोले का उपयोग कैसे करें, युद्ध में प्राथमिक चिकित्सा कैसे प्रदान करें और आत्मरक्षा पर पाठ भी पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे।

यह अगस्त 2023 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में बदलाव के हिस्से के रूप में देश भर के स्कूलों में अनिवार्य सुरक्षा और रक्षा पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए एक कानून पर हस्ताक्षर करने के बाद आया है।

संशोधित पाठ्यक्रम 1 सितंबर 2024 से स्कूलों में पढ़ाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *