राज्य के विश्वविद्यालयों में पीएचडी के लिए निर्धारित सीटों में से 50 प्रतिशत सीट नेट (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण शोधार्थियों के लिए आरक्षित होंगे। शेष 50 प्रतिशत सीट प्रत्येक विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भरे जाएंगे। प्रत्येक विश्वविद्यालय द्वारा अलग-अलग पीएचडी प्रवेश परीक्षा ली जाएगी।
इससे संबंधित आदेश राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की ओर से सोमवार को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को दिया गया है। राज्यपाल ने कुलपतियों को आदेश दिया है कि प्रत्येक विषय में उपलब्ध रिक्त पीएचडी सीटों पर रोस्टर लागू करते हुए 50 प्रतिशत सीट यूजीसी नेट, यूजीसी-सीएसआइआर नेट, गेट तथा सीईईडी के लिए आरक्षित होगा।
50 प्रतिशत सीटों के लिए होगा एंट्रेस एग्जाम
शेष 50 प्रतिशत सीटों को प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने स्तर पर पीएचडी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भरेंगे। हालांकि, राज्यपाल ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि यदि किसी विषय विशेष में यूजीसी नेट, यूजीसी सीएसआइआर नेट, गेट और सीईईडी अर्हता के छात्र उपलब्ध नहीं होते हैं, तो इस श्रेणी के रिक्त सीटों को पीएचडी प्रवेश परीक्षा के मेधा सूची के आधार पर आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए भरा जाएगा।
उन्होंने कुलपतियों को दिए निर्देश में कहा है कि यूजीसी और अन्य संबंधित वैधानिक, नियामक निकायों के दिशा-निर्देशों, मानदंडों को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आरक्षण नीति का पालन करते हुए संस्थान द्वारा अधिसूचित मानदंडों पर आधारित प्रवेश होगा।
बता दें कि राज्य के पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय एवं मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय शामिल हैं।