देहरादून। उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष आर मीनाक्षी सुंदरम ने प्रदेश के श्रम प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सरकारी एवं गैर सरकारी भवनों के निर्माण, मॉल, सड़क निर्माण, बांध, पुल, हवाई पट्टी, बाढ नियंत्रण, विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण, जल-कल, तेल एवं गैस इंस्टॉलेशन, नहर, जलाशय, पाइप लाईन, टावर, टेलीविजन, टेलीफोन मोबाईल टावर, आदि स्थानों पर कार्यरत निर्माण श्रमिकों का कार्य स्थल पर कैंप लगाकर पंजीकरण किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रितों के जीवनस्तर में सुधार लाने के लिये अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कार्यस्थल पर मोबाइल लर्निंग स्कूल के माध्यम से शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु देहरादून एवं हल्द्वानी में 02 बसों का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में मोबाइल लर्निंग स्कूल के माध्यम से देहरादून में 58 तथा हल्द्वानी में 256 बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है तथा वर्तमान में जिला हरिद्वार एवं जिला उधमसिंह नगर में बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कार्यस्थल पर मोबाइल लर्निंग स्कूल के माध्यम से शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु 02 बसों का संचालन किये जाने हेतु फर्मो का चयन किया जा चुका है। तथा भविष्य में उत्तराखण्ड राज्य के अन्य जिलों में भी बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कार्यस्थल पर मोबाइल लर्निंग स्कूल के माध्यम से शिक्षा प्रदान किये जाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के उज्जवल भविष्य हेतु AICTE approved Diploma in Engineering Program के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को उच्च शिक्षा जैसे ITI, Mechanical Engineering (Automobile), Mechanical Engineering (Production), Civil Engineering. Electrical Engineering, Electronics. Engineering. प्रदान किये जाने हेतु Institute का चयन किया जा रहा है। तथा भविष्य में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु अन्य Institutes का भी चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बोर्ड के अन्तर्गत EDP/RPL एवं जयानन्द भारती कौशल विकास योजना के द्वारा बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को स्वयं एवं उनके परिवारों की आश्रित महिलाओं/पुत्रियों को आत्मनिर्भर बनाए जाने हेतु Sewing Machine Operator, Fashion Designing, Jute Bag, Handicraft तथा भविष्य में निर्माण श्रमिकों की आश्रित महिलाओं/पुत्रियों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है।