भोपाल। रेलवे ने पिछले चार सालों में ट्रेनों से एक-एक कर जनरल कोचों की संख्या कम कर दी। नई और स्पेशल ट्रेनों में जनरल कोच लगाए ही नहीं। रेलवे ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए इन कोचों के स्थान पर एसी कोचों की संख्या में दो से तीन गुना तक इजाफा किया। जिन ट्रेनों में तीन से चार थर्ड एसी कोच हुआ करते थे, उनमें 10 से 12 कोच तक कर दिए।
इधर जिन ट्रेनों में चार से छह जनरल कोच लगाए जाते थे, उनमे इनकी संख्या घटाकर दो तक कर दिया गया। इसका असर यह हुआ कि यात्रियों की शिकायत का ग्राफ बढ़ा। इन शिकायतों की समीक्षा की तो ट्रेन में भीड़ की वजह जनरल और स्लीपर कोच की संख्या कम करना सामने आया। अब रेलवे इन कोचों की संख्या बढ़ाने में जुट गया है। इसके तहत देशभर 17 रेलवे जोनों की यात्री ट्रेनों में लगभग 10 हजार से ज्यादा जनरल-स्लीपर कोच लगाने जा रहा है। वहीं पश्चिम मध्य रेलवे के पहले चरण में जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडल की 28 ट्रेनों में लगभग 32 जनरल कोच लगाने जा रहा है।
कमाई छोड़, यात्री सुविधा पर जोर
रेलवे बोर्ड ने कोरोना काल के बाद ट्रेनों में लगातार जनरल कोच कम कर एसी कोच बढ़ाए, ताकि रेलवे की कमाई बढ़े और अधिक से अधिक किराए पर यात्री ट्रेन में टिकट लेकर सफर करे। इसका असर यह हुआ कि जनरल टिकट लेकर सफर करने वाले यात्रियों को जब इन कोचों में बैठने की जगह नहीं मिली तो वे स्लीपर और एसी कोच में सवार हो गए। टिकट जांच दल ने अपना टारगेट पूरा करने और रेलवे की कमाई बढ़ाने इनसे गंतव्य तक का जुर्माना वसूला और इन्हें कोच में बैठने की पात्रता दे दी, जिसका असर यह हुआ कि ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ तय क्षमता से दो से तीन गुनी तक बढ़ गई। साथ ही यात्रियों की शिकायत का भी ग्राफ बढ़ गया। इस पर रेलवे बोर्ड और पीएमओ ने समीक्षा शुरू कर दी है। सभी रेलवे जोन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे प्राथमिकता से ट्रेनों में जनरल कोचों की संख्या बढ़ाएं।
120 दिन का करना होगा इंतजार
रेलवे अब ट्रेनों में भीड़ की समीक्षा करने में जुटा है। सभी रेल मंडल, अपनी उन ट्रेनों की समीक्षा कर रहे हैं, जिसमें पिछले छह माह से लेकर एक साल के दौरान यात्री संख्या कम होने की बजाए बढ़ी है। जबलपुर रेल मंडल में ऐसी लगभग एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें हैं, जिसमें दयोदय एक्सप्रेस, ओवर नाइट एक्सप्रेस, सोमनाथ एक्सप्रेस, गोंडवाना एक्सप्रेस, संपर्कक्रांति एक्सप्रेस, कटरा स्पेशल, यशवंत एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस, अमरावती एक्सप्रेस हैं । वहीं इन ट्रेनों में जनरल कोच की संख्या भी कम कर दी गई थी, लेकिन अब जबलपुर रेल मंडल इन ट्रेनों में अतिरिक्त जनरल कोच लगाने जा रही है। जनरल और स्लीपर कोच की संख्या बढ़ाने के लिए 120 दिन का इंतजार करना होगा। इसकी वजह यह है कि ट्रेनों में निर्धारित कोच संख्या है, जो अभी पूरी है। ऐसे में कई कोच को हटाकर इन्हें लगाया जाएगा, लेकिन हटाने वाले कोचों में 120 दिन तक के आरक्षण हो गए हैं।