रेलवे फाटक संघर्ष समिति शहडोल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि पुरानी बस्ती रोड स्थित रेलवे फाटक का उपयोग लोग आवाजाही के लिए करते है। रेलवे ने लोगों की आवाजाही के लिए अंडर रोड का निर्माण किया गया। रेलवे फाटक को कभी भी आवाजाही के लिए बंद किया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि अंडर रोड में अतिक्रमण व गंदगी है। जिसके कारण लोग आवाजाही के लिए उसका उपयोग नहीं करते है। अंडर रोड का उपयोग करने में लोगों को परेशानी का सामना करना पडता है। याचिका में राहत चाही गयी थी कि जब तक अंडर रोड व्यवस्थित रूप से प्रारंभ नहीं होता,रेलवे फाटक को आवाजाही के लिए बंद नहीं किया जाये। याचिका में जीएम एसईसीआर,कलेक्टर सहित रेलवे तथा प्रशासन के अन्य अधिकारियों को अनावेदक बनाया गया था। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता योगेश सिंह बघेल ने पैरवी की।