नीट पेपर लीक का मुद्दा इस वक्त सरकार के लिए गले की फांस बन चुका है. विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को रोजाना घेर रहा है. वर्तमान में संसद सत्र भी चल रहा है, जहां विपक्ष इस पर चर्चा के लिए एनडीए सरकार पर दबाव बना रहा है. शुक्रवार (28 जून) को भी एक बार फिर से लोकसभा में नीट पेपर लीक पर चर्चा के लिए समय देने की मांग की गई. हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने तुरंत समय देने से इनकार कर दिया और कहा कि आपको चर्चा के लिए आगे वक्त मिलेगा. यहां गौर करने वाली बात ये है कि जिस वक्त नीट पर चर्चा को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान मचा हुआ था, उस वक्त एक बहुत बड़ा आरोप भी लग गया. दरअसल, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी सांसदों ने कहा कि माइक बंद किया गया है. उनके इस आरोप पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने तुरंत जवाब दिया और कहा कि यहां पर कोई बटन नहीं होता है, जिससे माइक को बंद किया जाए. कांग्रेस ने भी माइक बंद करने के मुद्दे पर हमला बोला है. कांग्रेस ने माइक बंद करने के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला है. पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट में कहा, "जहां एक ओर नरेंद्र मोदी नीट पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी युवाओं की आवाज सदन में उठा रहे है, लेकिन ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है."
लोकसभा में चर्चा के दौरान क्या हुआ?
विपक्षी सांसदों की तरफ से लगातार मांग की जा रही थी कि नीट पेपर लीक पर चर्चा की जाए. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप सभी लोगों को पहले ही अवगत कराया गया है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब के लिए आपको समय दिया जाएगा. मैं सरकार से भी अपेक्षा करूंगा कि वह आपके जरिए उठाए गए सभी मुद्दों पर जवाब देगी. आपको पर्याप्त समय मिलेगा. आप डिटेल में चर्चा कीजिए. इस दौरान विपक्षी सांसद लगातार नीट को लेकर हंगामा करते रहे. ओम बिरला ने कहा कि आपको अभिभाषण पर बोलने के लिए जब समय दिया जाएगा तो आप दो नहीं, बल्कि आप जितना समय लेना चाहे ले लें. उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि आप नेता प्रतिपक्ष हैं. ऐसे में आपसे मेरी अपेक्षा है कि आप संसदीय मर्यादाओं का पालन करेंगे. इस दौरान राहुल समेत विपक्षी सांसदों ने स्पीकर से कहा कि हमारे माइक को बंद कर दिया जाता है. इसके जवाब में बिरला ने कहा, "मैं माइक बंद नहीं करता हूं. पूर्व में भी आपको व्यवस्था दी गई थी. यहां कोई बटन नहीं होता." वहीं, जब हंगामा थमा तो नीट पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, "हम विपक्ष और सरकार की ओर से भारत के छात्रों को एक संयुक्त संदेश देना चाहते हैं कि ये हमारे लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है. इसलिए, हमने सोचा कि छात्रों का सम्मान करने के लिए हम आज नीट पर चर्चा करेंगे, एक समर्पित चर्चा." हालांकि, स्पीकर नीट पर चर्चा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई और उन्होंने सभापटल पर रखे गए अन्य आइटमों पर चर्चा के लिए सांसदों के नाम पुकारना शुरू कर दिया.