इससे पहले, मोदी सरनेम पर टिप्पणी के कारण राहुल गांधी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उनकी सासंदी रद्द कर दी गई थी। उन्हें अपना बंगला भी खाली करना पड़ गया था। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दे दी, जिसके बाद उनकी सांसदी बहाल कर दी गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर मुश्किलों में फंस सकते हैं। सात जून को उन्हें मानहानि मामले में बंगलूरू की अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। भाजपा नेता ने राहुल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
मानहानि मामले में जा चुकी है सांसदी
इससे पहले, 23 मार्च 2023 को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। उन्हें मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के कारण सजा सुनाई गई थी। अगले ही दिन 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता जाने का आदेश जारी कर दिया। नियम के अनुसार, अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या इससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता चली जाती है। राहुल के साथ भी ऐसा ही हुआ। हालांकि, बाद में राहुल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई। अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगा दी।
सांसदी जाने के बाद खाली किया बंगला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 22 अप्रैल को अपना आधिकारिक बंगला खाली कर दिया। कहा कि यह सच बोलने के लिए चुकाई गई कीमत है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन तक 10 जनपथ पर अपनी मां के आवास पर रहेंगे। इससे पहले, 27 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक अपना आधिकारिक आवास खाली करने को कहा था।
मामला क्या है?
2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने धारा 504 के तहत राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत दे दी। इसके साथ ही उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी थी। दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, 'कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?' इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।