पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला, डीन बोले- पुलिस कार्रवाई और कॉलेज से निकाल देना समाधान नहीं

रायपुर

राजधानी रायपुर के पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। इस मामले में कमेटी ने शिकायतों की जांच के बाद एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के दो छात्रों को दोषी मानते हुए निलंबित भी कर दिया गया है। वहीं कॉलेज डीन डॉ. विवेक चौधरी, अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर और सभी विभागाध्यक्षों की मौजूदगी में आज एंटी-रैगिंग कमेटी की अहम बैठक हुई, जिसमें पीड़ित और आरोपी छात्रों से पूछताछ की गई। मामले में कॉलेज डीन विवेक चौधरी ने जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की बात कही है।

बता दें कि रैगिंग की यह घटना बीते महीने प्रथम वर्ष के जूनियर छात्रों के साथ हुई थी। इसके बाद स्वजनों द्वारा नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से भी शिकायत की गई थी। साथ ही इंटरनेट मीडिया में भी इस तरह की शिकायतें पोस्ट कर उन्हें एनएमसी को टैग किया गया था, जिससे कॉलेज में खलबली मच गई। मामला गरमाने और विवाद गहराने के बाद आनन-फानन में एंटी-रैगिंग कमेटी को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई। एंटी-रैगिंग कमेटी ने शिकायतों की जांच में जूनियर छात्रों के आरोपों को सही पाया। इस पर एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के दो छात्रों दीपराज वर्मा और अंशु जोशी को 10 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।

एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई – डीन डॉ विवेक चौधरी
एंटी-रैगिंग कमेटी की बैठक के बाद कॉलेज के डीन डॉक्टर विवेक चौधरी ने बताया, “मामले में पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों से पूछताछ की गई है, अब एंटी रैगिंग कमेटी की जो रिपोर्ट होगी, उसके अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले मामला संज्ञान में आने के बाद प्राथमिक तौर पर कार्रवाई करते हुए तत्काल दो विद्यार्थियों को निलंबित किया गया था। उन्होंने कहा कि मैं ख़ुद लगातार विद्यार्थियों के बीच जा रहा हूँ, उनके क्लास में जा रहा हूँ, विद्यार्थियों को समझाया गया है। जो भी समस्या है, तत्काल मुझे अवगत कराएँ।”

पुलिस कार्रवाई और कॉलेज से निकाल देना समाधान नहीं
कॉलेज डीन डॉक्टर विवेक चौधरी ने बताया कि वार्षिकोत्सव आयोजन में कार्यक्रम को लेकर विवाद की शुरुआत हुई थी और धीरे-धीरे बढ़ गई। मामले संज्ञान में आते ही तत्काल दोनों पक्षों को समझाया गया था, पुलिस कार्रवाई और कॉलेज से निकाल देना इसके लिए कोई स्थायी समाधान नहीं है, क्योंकि छात्रों के भविष्य के सवाल हैं। कार्रवाई होगी, रिपोर्ट अनुसार निलंबन अवधि बढ़ाई जाएगी।

जूनियर छात्रों ने सीनियर छात्रों पर लगाए थे ये आरोप
सूत्रों की मानें तो सीनियर छात्रों ने जूनियरों के साथ बेहद अमानवीय बर्ताव किया। ऐसी चर्चा है कि कई छात्रों के सिर भी मुंडवा दिए गए। इतना ही नहीं, प्रथम वर्ष के छात्रों का वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर जूनियर लड़कियों की फोटो मांगी जा रही थी। इसके अलावा सभी छात्रों को बाल एकदम बारीक यानी मुंडवाकर रखने, कॉलेज परिसर में फिट कपड़े न पहनने, सामान्य बैग टांगने, ज्यादा स्टाइलिश जूते न पहनने जैसे तुगलकी फरमान भी थोप दिए गए थे। शिकायतों में तो जूनियर छात्रों के साथ मारपीट की भी बात बताई गई है।

पहले भी सामने आ चुके हैं रैगिंग के मामले
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं है जब मेकाहारा में छात्रों से रैगिंग की खबरें सामने आई हों। इससे पहले साल 2015 में इस तरह की शिकायत आई थी, जिसमें फ्रेशर पार्टी पर प्रतिबंध के बावजूद कक्षा में बुलाकर छात्रों से फ्रेशर पार्टी के संदर्भ में चर्चा की गई थी, जिसे आधार मानकर 86 छात्रों को एक माह के लिए निलंबित कर दिया गया था। वहीं, 2022 में डेंटल कॉलेज में भी रैगिंग की घटना सामने आई थी, जिसके बाद तीन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

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